September 23, 2024

यूक्रेन-रूस के बीच हुई अनाज डील ने पार किया एक अहम पड़ाव

0

न्‍यूयार्क (संयुक्‍त राष्‍ट्र)
रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ा युद्ध भले ही 7वें महीने में भी जारी है लेकिन इस दौरान दोनों देशों के बीच अनाज निर्यात को लेकर जो डील हुई थी, उसने एक अहम मुकाम हासिल कर लिया है। इस डील के तहत अगस्‍त से जारी हुए निर्यात ने 10 लाख टन की सीमा को पार कर लिया है। जुलाई में दोनों देशों के बीच इस डील को करवाने में तुर्की और संयुक्‍त राष्‍ट्र ने अहम भूमिका निभाई थी। इस्‍तांबुल में ही इस डील के तहत बनाया गया निगरानी केंद्र काम कर रहा है। इस केंद्र के जरिए डील की शर्तों और अन्‍य चीजों पर नजर रखी जाती है। इस डील पर सभी चार पक्षों ने अपने हस्‍ताक्षर किए थे।

इस डील के तहत यूक्रेन के अनाज को काला सागर के जरिए बाहरी दुनिया को निर्यात किया जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र के समन्वयक आमीर अब्दुल्ला ने बताया है कि इस डील के तहत अब तक 10 लाख टन से अधिक यूक्रेनी अनाज और अन्य खाद्य सामग्री को बाहर भेजा गया है। यूएन को इस डील की सफलता पर खुशी भी हो रही है। कुछ दिन पहले इस केंद्र पर यूएन चीफ भी आए थे। यूएन को इस डील की सफलता पर इसलिए भी खुशी है क्‍योंकि दुनिया के करोड़ों लोग खाद्य असुरक्षा की चपेट में हैं। ऐसे में यदि ये डील न होती तो इन लोगों पर संकट बढ़ जाता। इस डील के बाद इनके हिस्‍से में दो वक्‍त का खाना आ सकता है। बता दें कि यूएन के खाद्य प्रोग्राम के तहत विश्व के विभिन्‍न गरीब देशों में अनाज भेजा जाता है। इसमें सभी देशों का योगदान होता है।

इस डील से पहले यूक्रेन ने अनाज निर्यात के दौरान काला सागर में रूस के हमले की आशंका जताई थी। लेकिन, रूस की तरफ से ओडेसा पोर्ट के नजदीक हमले के बाद साफ किया गया था कि वो इस निर्यात में बाधा नहीं बनेगा। यूएन की तरफ से कहा गया है कि अब जबकि यूक्रेन का अनाज काला सागर के रास्‍ते विश्‍व के दूसरे बाजारों में जा रहा है तो एक बार फिर से खाद्य और परिवहन क्षेत्र पर भरोसा बढ़ा है। उन्‍होंने ये भी कहा कि विश्‍व बाजार में इस अनाज के पहुंचने से कीमतें भी कम हो गई हैं।

यूएन के मुताबिक विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने इथियोपिया और यमन समेत अन्‍य जैसे देशों में चलाए जा रहे अपने कार्यक्रमों के लिए यूक्रेन से गेहूं की खरीद शुरू कर दी है। इस अनाज डील से यूक्रेन को अपनी नई फसल को रखने के लिए भी जगह मिल जाएगी। यूक्रेन ने कुछ समय पहले इस वर्ष रिकार्ड पैदावार की संभावना जताई थी। यूएन की तरफ से कहा गया है कि विश्‍व में मौजूदा समय में उर्वरकों का निर्यात होना भी बेहद जरूरी है जिससे किसान किफायती दरों पर फसलों का उत्पादन जारी रखे सकें। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *