November 24, 2024

‘शराब’ पर मनीष सिसोदिया तो ‘खादी’ पर घिरे विनय सक्सेना; सड़क से सदन तक उलझी BJP और AAP

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नई दिल्ली
आप और भाजपा की सियासी तकरार हर दिन नया मोड़ ले रही है। आप ने सोमवार को विधानसभा में एलजी वीके सक्सेना पर घोटाले के आरोप लगाए। पार्टी का कहना है कि सक्सेना ने खादी ग्रामोद्योग आयोग का चेयरमैन रहते हुए अनियमितता बरती थी। इसके जवाब में भाजपा ने शराब नीति के बाद शिक्षा पर सरकार को घेरा। आरोप लगाया कि केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के दिशानिर्देशों की अनदेखी कर कक्षाओं के निर्माण की लागत 326 करोड़ रुपये बढ़ा दी गई है। उधर, एलजी ने भी इस मामले में मुख्य सचिव से जवाब मांगा है।

दिल्ली विधानसभा में सोमवार को विधायक दुर्गेश पाठक ने एलजी पर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि खादी ग्रामोद्योग आयोग के चेयरमैन रहते हुए 1400 करोड़ का घोटाला हुआ है। सत्तापक्ष के विधायकों ने जांच के साथ उनके इस्तीफे की मांग की। विपक्ष में बैठे भाजपा विधायकों ने कहा कि यह मुद्दे से भटकाने की कोशिश है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से सदन में विश्वास मत प्रस्ताव रखने के साथ सदन की कार्यवाही शुरू हुई। विधायक राजेश गुप्ता ने प्रस्ताव पर चर्चा शुरू की। दुर्गेश पाठक बोलने उठे तो प्रस्ताव के बजाय सीधे एलजी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि आज देश के सामने 1400 करोड़ रुपये के बड़े घोटाले का खुलासा करने जा रहा हूं। उन्होंने कहा कि मैं दुख के साथ कह रहा हूं कि यह घोटाला किसी और ने नहीं, बल्कि दिल्ली के उपराज्यपाल ने किया है। यह तब हुआ जब वह खादी ग्रामोद्योग आयोग के चेयरमैन थे।

नोटबंदी के दौरान हुआ घोटाला दुर्गेश पाठक दुर्गेश पाठक ने कहा कि यह पूरा घोटाला 8 नवंबर 2016 के बाद नोटबंदी के दौरान हुआ। मैं सदन को बताना चाहता हूं कि उस समय खादी में तैनात दो कैशियर संजीव कुमार और प्रतीक यादव ने इस घोटाले को उजागर किया। उन्होंने कई जगह लिखित शिकायत दी। जांच समितियों के सामने लिखित बयान दिया कि कैसे तत्कालीन चेयरमैन के दबाव में भवन प्रबंधक की निगरानी में यह घोटाला चल रहा था। दिल्ली ब्रांच में पुराने नोट को नए से बदले जा रहे थे।

पाठक के मुताबिक, संजीव कुमार ने लिखित बयान में कहा कि मैंने 500-1000 रुपये का पुराना नोट भवन प्रबंधक के कहने पर स्वीकार किया। जब मैंने उनसे मना किया तो उन्होंने कहा कि यह चेयरमैन ने कहा है। वही, चेयरमैन आज दिल्ली के एलजी हैं। मैं डर गया था, क्योंकि इससे पहले दो लोगों का बात नहीं मानने पर दिल्ली से तबादला हुआ था। संजीव ने बताया कि वह दुखी मन से नोटों को बदल रहे थे और ब्रांच की तरफ से बैंक में जमा कर रहे थे। उन्होंने लिखित बयान दिया है कि वह डर के मारे छुट्टी पर चले गए, तो उनकी जगह आए प्रतीक यादव से भी यही काम कराया गया। प्रतीक ने भी लिखित में यह बयान कई जगहों पर दिए हैं। दुर्गेश पाठक ने कहा कि देशभर में खादी के कुल 7000 ब्रांच हैं। अगर एक ब्रांच पर 22 लाख रुपये के नोट बदले गए तो पूरे देश की गणना करें तो यह 1400 करोड़ रुपये बैठता है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले की जांच हुई तो उस जांच समिति का अध्यक्ष भी तत्कालीन चेयरमैन को बना दिया गया। उसमें दोषियों को प्रमोशन मिला, लेकिन मामला उठाने वाले कैशियर को निलंबित कर दिया गया। सीबीआई ने तत्कालीन चेयरमैन के खिलाफ मामला भी दर्ज नहीं किया। हमारी मांग है कि सीबीआई जांच हो।

स्कूलों पर एलजी ने जवाब मांगा
उपराज्यपाल सक्सेना ने सरकारी स्कूलों में पंजीकरण कम होने और बड़ी संख्या में बच्चों की अनुपस्थिति पर सरकार से जवाब मांगा है। राजनिवास के सूत्रों के मुताबिक, मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा गया है कि इसके पीछे क्या कारण रहे हैं, इसकी जानकारी प्राथमिकता के आधार पर दी जाए। दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच अब शिक्षा के मुद्दे पर टकराव की स्थिति बनती दिख रही है। सूत्रों के मुताबिक, उपराज्यपाल सचिवालय की ओर से मुख्य सचिव को लिखे पत्र में दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल किए गए हैं। पत्र में कहा गया है कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में बच्चों के पंजीकरण घटने के कारण तलाशे जाने चाहिए, क्योंकि वर्ष 2014-15 में सरकारी स्कूलों में 15.42 लाख बच्चे पंजीकृत थे। वहीं, वर्ष 2019 में यह घटकर 15.19 लाख रह गई। पत्र में बड़ी संख्या में बच्चों के अनुपस्थित रहने पर भी सवाल किए गए हैं। इसमें कहा गया है कि अवधि में शिक्षा पर सरकार के खर्च में इजाफा हुआ है।

 

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