शहडोल में खुलेगा नया शासकीय महाविद्यालय : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि शहडोल में नया शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किया जाएगा। इस अंचल के विकास के विशेष प्रयास होंगे। आदिवासी बहुल शहडोल संभाग तीव्र गति से प्रगति करेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव आज शहडोल में आहार अनुदान योजना में पात्र परिवारों को राशि अंतरण और अन्य विकास कार्यों के लोकार्पण एवं भूमिपूजन के समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नई शिक्षा नीति लागू करने में मध्यप्रदेश देश में अग्रणी रहा है। नए महाविद्यालय और विश्वविद्यालय आने वाली पीढ़ी के लिए विकास के नए द्वार खोलते हैं। शहडोल अंचल में शैक्षणिक सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी, जिससे जनजातीय समाज के युवा उच्च शिक्षित होकर नए-नए रोजगारों से जुड़ेंगे। इस क्षेत्र में सहजन अर्थात् मुनगा का भी उत्पाद काफी मात्रा में होता है। स्वाद और सेहत में बेजोड़ माने गए सहजन को अन्य प्रदेशों तक भेजा जाता है। इसके उत्पादन को पहचान दिलवाने और उत्पादकों को लाभान्वित करने के लिए योजना पर अमल किया जायेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आहार अनुदान योजना में मध्य प्रदेश के ऐसे 14 जिलों जहां बैगा, भारिया और सहरिया विशेष पिछड़ी जनजाति के लोग बहुतायत से रहते हैं, कुल 29 करोड़ 11 लाख रुपए की राशि सिंगल क्लिक से अंतरित की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शहडोल में विभिन्न 16 कार्यों का लोकार्पण और भूमि पूजन भी किया। लोकार्पित कार्यों की लागत 35 करोड़ 94 लाख रुपए है। जिन कार्यों का शिलान्यास हुआ उनकी लागत 15 करोड़ 55 लाख रुपए है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के जनजाति बहुल विकासखंडों में विद्यार्थियों के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग व्यवस्था भी की जाएगी।
श्रीअन्न (मोटे अनाज) से बढ़ेगी किसानों की आय, सेहत भी सुधरेगी
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने जनजातीय वर्ग के विकास के लिए पहल की है। किसी समय मिलेट्स (श्रीअन्न) को गरीबों का अन्न कहा गया था, हमारे देश का मुख्य आहार चावल, कोदो-कुदकी, ज्वार-बाजरा ही रहा है। यह स्वास्थ्य के लिए उपयोगी है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने मोटे अनाज अर्थात श्रीअन्न के उपयोग पर जोर दिया है। देश में मोटे अनाजों का प्रचलन बढ़ रहा है। प्रदेश सरकार ने श्रीअन्न के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना लागू करने का निर्णय लिया है। योजना के अंतर्गत श्रीअन्न – कोदो-कुटकी, रागी, ज्वार, बाजरा आदि के उत्पादन करने वाले किसानों को प्रति किलो 10 रुपए की अतिरिक्त राशि प्रोत्साहन स्वरूप प्रदान की जाएगी। यह राशि सीधे किसानों के खाते में अंतरित की जाएगी।
शहडोल संभाग में प्रमुख रूप से कोदो- कुटकी की खेती होती है। कोदो-कुटकी के किसानों की आय में वृद्धि के के साथ ही इन उत्पादों के उपयोग से लोगों का स्वास्थ्य स्तर बेहतर होगा। इस अंचल में सुपर फूड माने गए रागी और अन्य मोटे अनाजों को बढ़ावा दिया जाएगा। रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना में फसल उत्पादन, भण्डारण, प्रोसेसिंग, मार्केटिंग, उपार्जन, ब्राण्ड बिल्डिंग के साथ वैल्यू चेन विकसित की जाएगी। इससे किसानों, महिलाओं, युवाओं और गरीबों का कल्याण भी होगा, जो प्रधानमंत्री श्री मोदी की प्राथमिकता भी है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हाल ही में मंत्रिपरिषद की बैठक जबलपुर में आयोजित की गई थी, जिसका उद्देश्य रानी दुर्गावती और रानी अवंती बाई जैसी वीरांगनाओं के प्रति सम्मान व्यक्त करना था। भारतीय महिलाओं ने इतिहास में पराक्रम के उदाहरण प्रस्तुत किए हैं।
खेल सुविधाओं के लिए संसाधनों की कमी आड़े नहीं आएगी
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इसके पूर्व शहडोल में स्पोर्ट्स काम्पलेक्स का लोकार्पण भी किया। लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पंडित शंभुनाथ शुक्ला विश्वविद्यालय में एक करोड़ रूपए की लागत से अत्याधुनिक खेल परिसर, प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की प्रतिभा को तराशने का कार्य करेगा। शहडोल वनांचल है। यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता अनूठी है। प्रधानमंत्री श्री मोदी जनजातीय क्षेत्रों और वनवासी वर्ग के विकास के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। नई शिक्षा नीति के माध्यम से खेल गतिविधियों को बढ़ावा दिया गया है। जनजातीय वर्ग से अनेक प्रतिभाएं उभर कर आई हैं, जो खेल क्षेत्र में उपलब्धियां हासिल कर रही हैं। एक समय था जब एशियाई खेलों और ओलम्पिक में कुश्ती के अतिरिक्त किसी भी खेल में पदक प्राप्त नहीं होते थे। आज भारतीय खिलाड़ी अनेक खेलों में पदक प्राप्त कर रहे हैं। जनजातीय युवाओं को खेलों में पूरा प्रोत्साहन दिया जाएगा, संसाधनों की कमी आड़े नहीं आएगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि काल के प्रवाह में सनातन धर्म की व्यवस्थाओं को नकार दिया गया था, लेकिन भारतीय संस्कृति को विस्मृत नहीं किया जा सकता। हमारे देश में नालंदा और तक्षशिला जैसे शिक्षा केन्द्र रहे हैं। भगवान श्रीकृष्ण ने उज्जैन के सांदीपिनी आश्रम में शिक्षा ग्रहण की थी। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में भारत तेजी से प्रगति कर रहा है। जिन विशेषताओं के लिए हमारा देश जाना जाता है, उनमें हमारे आदर्श भगवान श्रीराम की सादगी और सुशासन भी शामिल है। आगामी 22 जनवरी को राष्ट्र के लिए गौरव का क्षण होगा, जब श्रीराम मंदिर के गर्भ गृह में प्राण प्रतिष्ठा की जानी है। जनजातीय कार्य मंत्री कुंवर विजय शाह ने कहा कि विशेष पिछड़ी जनजाति के परिवारों को 1500 रूपए मासिक राशि पोषण आहार के लिए दी जा रही है। यह मासिक अनुदान राशि पूर्व में एक हजार रूपए थी।