Ujjain: हैरान कर देगा रुद्रसागर का बदला स्वरूप
उज्जैन
प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में इन दिनों महाकाल कॉरिडोर प्रोजेक्ट और स्मार्ट सिटी के तहत अलग-अलग तरह के विकासकार्य किए जा रहे हैं, जहां इस बीच महाकाल मंदिर परिसर को संवारा जा रहा है, तो वहीं महाकाल मंदिर परिसर के आसपास के क्षेत्र का नवनिर्माण भी जारी है। वहीं महाकाल कॉरिडोर प्रोजेक्ट का काम किस स्पीड से चल रहा है, इसका अंदाजा आप कलेक्टर आशीष सिंह की सोशल मीडिया पर की गई उस पोस्ट से लगा सकते हैं, जिसमें उन्होंने रुद्रसागर की पहले और बाद की तस्वीर डाल कर बदलाव को बताने की कोशिश की है।
धार्मिक नगरी का बदलता स्वरूप
धार्मिक नगरी उज्जैन में महाकाल कॉरिडोर प्रोजेक्ट के अंतर्गत विभिन्न विकासकार्य तेज गति से किए जा रहे हैं, जहां मंदिर परिसर के साथ-साथ आसपास की तस्वीर पूरी तरह से बदली हुई नजर आने लगी है, इतना ही नहीं अब महाकाल कॉरिडोर प्रोजेक्ट के तहत किए जा रहे विकासकार्य नजर आने लगे हैं, जहां कलेक्टर आशीष सिंह ने सोशल मीडिया पर रुद्रप्रयाग सागर की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा की, यह रुद्रसागर, उज्जैन की पहले और बाद की तस्वीरें हैं। एचसीएम के महाकाल कॉरिडोर प्रोजेक्ट के तहत महज 8 महीनों में बदलाव किया गया। माइक्रो प्लानिंग, डी-वीडिंग, उत्खनन, कमांड एरिया में सीवर लाइन बिछाना और इसे क्षिप्रा नदी से जोड़ना ताकि इसे साल भर भरा रखा जा सके।
मृदा फेज-1 के कार्य 15 सितम्बर तक पूर्ण करने के निर्देश
महाकाल कॉरिडोर का काम जल्द से जल्द पूरा किया जा सके इसे लेकर श्री महाकाल महाराज मन्दिर परिसर विस्तार योजना मृदा फेज-1 के सभी कार्य 15 सितम्बर तक पूर्ण करने के निर्देश देते हुए कलेक्टर आशीष सिंह ने मन्दिर परिसर के नवनिर्मित कॉरिडोर, फेसिलिटी सेन्टर-1 एवं 2 व मन्दिर के आन्तरिक भाग में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबन्द करने के लिये स्मार्ट सिटी को सीसीटीवी कैमरे लगाते हुए एडवांस सिक्योरिटी फीचर्स सम्पूर्ण योजना में शामिल करने के लिये कहा है।
सुरक्षा का खास प्लान भी तैयार
प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में इन दिनों स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत अलग-अलग विकास कार्य किए जा रहे हैं, जहां महाकालेश्वर मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था को उन्नत करने और अत्याधुनिक उपकरणों को लगाए जाने का भी खास प्लान है। मंदिर के अन्दर और परिसर में सीसीटीवी कैमरे (हाई रिसोल्यूशन) लगाये जाना प्रस्तावित है। इनके माध्यम से 24×7 कंट्रोल रूम से निगरानी की जा सकेगी। फेशियल रिकग्नेशन (चेहरे की पहचान) आधारित आईपी सीसीटीवी सिस्टम लगाया जायेगा। प्रमुख प्रवेश द्वारों पर एक्स-रे बैगेज स्केनर लगाये जायेंगे।