November 26, 2024

समाधान योजना को मंजूरी, पांच लाख तक बकाया पर पूरा ब्याज होगा माफ

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भोपाल
खनिज विभाग सालों पुराने खनिज राजस्व की वसूली के लिए समाधान योजना लागू करेगा। इसमें पांच लाख रुपए तक की बकाया राशि पर देय ब्याज पूरी तरह माफ किया जाएगा और पांच लाख रुपए से अधिक बकाया पर देय ब्याज पर 18 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। कैबिनेट में आज इस प्रस्ताव पर चर्चा की गई।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यता में आयोजित कैबिनेट बैठक में  बकाया खनिज राजस्व की वसूली के लिए समाधान योजना पेश की गई। इस योजना के अनुसार वर्ष 1960-61 से 2009-10 तक  बकाया खनिज राजस्व पर देय ब्याज पूर्णत: माफ किया जाएगा। वर्ष 2010-11 से वर्ष 2019-20 तक के पांच लाख रुपए तक के बकाया राजस्व की वसूली के लिए देय ब्याज पूर्णत: माफ किया जाएगा। पांच लाख रुपए से अधिक बकाया राशि पर देय ब्याज पर 18 प्रतिशत की छूट प्रदाय की जाएगी। इस प्रकार छूट दिए जाने से  खनिज विभाग की मूल बकाया राशि 60 करोड़ 7 लाख के विरुद्ध ब्याज सहित 66 करोड़ 48 लाख रुपए की वसूली सुनिश्चित हो सकेगी। यह योजना 31 अक्टूबर तक लागू रहेगी। वर्ष 1960-61से 2009-10 तक खनिज राजस्व 29 करोड़ 18 लाख  और इस पर ब्याज 116 करोड़ 30 लाख रुपए हो चुका है।

 वहीं वर्ष 2010-11 से 2019-20 तक बकाया खनिज राजस्व 30 करोड़ 89 लाख और ब्याज 34 करोड़66  लाख रुपए है। इस तरह इस योजना से कुल 150 करोड़ 96 लाख रुपए के बकाया ब्याज की छूट दी जाएगी ।

हेलीकॉप्टर बेल-430 को बेचने को मंजूरी
शासकीय हेलीकॉप्टर बेल 430 को 2 करोड़ 57 लाख, 17 हजार 777 रुपए में खरीदने का प्रस्ताव देने वाली संस्था एफए इंटररप्राइजेस को विक्रय करने के प्रस्ताव को भी कैबिनेट से मंजूरी दिलाने पेश किया गया।

योग आयोग का होगा गठन
स्कूल शिक्षा विभाग के अधीन महर्षि पतंजलि संस्कृत  संस्थान के माध्यम से योग आयोग का संचालन किया जाएगा। इसमें योग के क्षेत्र में कार्यरत अति विशिष्ट योगदान देने वाले अशासकीय व्यक्ति अध्यक्ष रहेंगे। महर्षि पतंजलि संस्थान के अध्यक्ष  योग आयोग के उपाध्यक्ष रहेंगे।योग के क्षेत्र में अनुभव रखने वाले पांच अशासकीय सदस्यों की भी यहां तैनाती की जाएगी। महर्षि पतंजलि संस्था के निदेशक यहां सचिव के रुप में काम करेंगे।  निजी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक के मसौदे पर भी कैबिनेट में चर्चा की गई। इसे विधानसभा से पारित कराने के बाद लागू किया जाएगा। इसके तहत अमलतास विश्वविद्यालय देवास, आर्यावर्त विश्वविद्यालय सीहोर, एवं विक्रांत  विश्वविद्यालय ग्वालियर की स्थापना की जा सकेगी।

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