November 24, 2024

माइकल जैक्सन ड्रग्स लेने के लिए अपनाते थे ये तरकीब, हॉलीवुड की फिल्मों में आपने भी देखा होगा

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वाशिंगटन
अपनी परफॉर्मेंस से दुनिया के दिलों पर दशकों तक राज कर चुके पॉप सिंगर माइकल जैक्सन के नाम से हर कोई परिचित है। 2009 में 50 साल की उम्र में हुई माइकल जैक्सन की मौत ने दुनिया को हिलाकर रख दिया था। उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए लाखों लोग एक साथ आ गए थे। आए दिन माइकल जैक्सन की मौत को लेकर नई-नई बातें सुनने को मिलती हैं। हाल ही में, एक बार फिर माइकल जैक्सन को लेकर जबरदस्त खुलासा हुआ है।

माइकल जैक्सन पर बनी एक नई डाक्यूमेंट्री में जैक्सन द्वारा ड्रग लिए जाने के तरीके का खुलासा हुआ है। 'TMZ Investigates: Who Really Killed Michael Jackson' (टीएमजेड: व्हू रियली किल्ड माइकल जैक्सन) नाम की डाक्यूमेंट्री में दिखाया गया है कि जैक्सन ड्रग्स लेने के लिए फेक आइडी (Fake ID) का इस्तेमाल करते थे। वे ड्रग्स के लिए कोई एक या दो फेक आइडी नहीं बल्कि 19 फेक आइडी अपने पास रखते थे।

एनेस्थीसिया के ओवरडोज से हुआ था कार्डियक अरेस्ट
न्यूयॉर्क पोस्ट के अनुसार, ‘किंग ऑफ पॉप’ के नाम से मशहूर माइकल जैक्सन लॉस एंजेलिस अपने घर में बेहोशी की हालत में पाए गए थे, जिन्हें एनेस्थीसिया के ओवरडोज के कारण कार्डियक अरेस्ट हुआ था। यह दवा उनके डॉक्टर कोनराड मुरे ने दी थी, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया था और चार साल की सजा सुनाई गई थी। जैक्सन की मौत को हत्या करार दिया गया था।

ड्रग्स ही बने जैक्सन की मौत का कारण
अगले महीने फॉक्स चैनल पर आने वाली डॉक्यूमेंट्री TMZ Investigates में दिखाया गया है कि जैक्सन की मौत के कारण बताती है। डॉक्यूमेंट्री में दिखाया गया है जैक्सन ने पूरी जिंदगी ड्रग्स की खतरनाक खुराक लेते रहे और यह वे आसानी से कर सकते थे। डॉक्यूमेंट्री में जैक्सन की मौत की जांच करने वाले LAPD जासूस ओरलैंडो मार्टिनेज कहते हैं, ‘जैक्सन के हालात सालों से उन्हें मौत की ओर ले जा रहे थे। वे जहां चाहते थे आसानी से ड्रग्स हासिल कर सकते थे और यही उनकी मौत का कारण बने।’

आधा लीटर प्रोपोफोल पी जाते थे जैक्सन
एलए काउंटी के सहायक मुख्य कोरोनर एड विंटर के अनुसार, जैक्सन अपनी मौत के समय 'गेटोरेड' आकार की बोतलों (लगभग आधा लीटर) में प्रोपोफोल ले रहे थे। प्रोपोफोल ही एकमात्र तरीका था जिससे वह सो सकते थे, खासकर जब वह टूर के लिए तैयार होते थे। TMZ के एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर हार्वे लेविन से 2009 में हुए एक साक्षात्कार में हालीवुड के प्रसिद्ध त्वचा विशेषज्ञ अर्नोल्ड क्लेन ने यह बात कबूली थी कि वे सुपरस्टार्स को ओपिओइड डेमेरोल के अलावा अन्य ड्रग्स दिया करते थे। क्लेन ने यह बताया था कि माइकल जैक्सन का यह रुटीन था कि वे उनके कार्यालय में घंटों तक डेमेरोल के नशे में पड़े रहते थे।

यह भी पता चला कि जैक्सन और क्लेन का रिश्ता डॉक्टर और मरीज के बजाय दोस्ती में बदल गया था। विंटर ने बताया कि जैक्सन ने ड्रग्स हासिल करने के लिए 19 नकली पहचान बनाई हुई थी और इन सब के लिए क्लेन ने एक डायरी में नोट किया था कि किससे कहां ड्रग्स मिलने वाले हैं।

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