तेलंगाना-आंध्र प्रदेश को जोडने वाला हाईवे डूबा,कोंटा में बाढ़ के हालात
कोंटा/बीजापुर/कोंडागांव
महाराष्ट्र में लगातार हो रही तेज बारिश छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के लिए मुसीबत बनती जा रही है। गोदावरी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 51 फीट ऊपर बह रहा है। इसके चलते छत्तीसगढ़ से तेलंगाना और आंध्र प्रदेश को जोड?े वाला हाईवे डूब गया है। वहीं सुकमा के कोंटा में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। बस्तर के बीजापुर और कोंडागांव में भी हालात बिगड़ गए हैं।
कोंटा से लगे तेलंगाना में गोदावरी नदी ने उग्र रूप ले लिया है। जल स्तर आखिरी डेंजर जोन 53 फीट पर पहुंचने वाला है। भद्राचलम-नेल्लीपाका के बीच नेशनल हाईवे पर करीब 2 फीट पानी बह रहा है। वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ में शबरी नदी का भी पानी बढ?े लगा है। इसे देखते हुए ओडिशा और छत्तीसगढ़ के बीच कोन्टा-मोटू में नाव बंद कर दी गई है।
महाराष्ट्र में लगातार 5 दिनों से बारिश हो रही है। पोलावरम बांध के ऊपर भाग में मौजूद छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और ओडिशा के गांवों में बैक वॉटर से बाढ़ के हालत बनने लगे हैं। बांध के सारे गेट खोल दिए गए हैं। भारी बारिश को देखते हुए तेलंगाना में तीन दिनों के लिए स्कूल बंद कर दिए गए हैं। पोलावरम बांध में 31 मीटर तक पानी पहुंच गया है। बैक वॉटर के कारण समय से पहले कोंटा में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।
सुकमा कलेक्टर हरीश एस ने बताया कि गोदावरी नदी का जलस्तर से बैक वॉटर बनने की जानकारी मिल रही है। ऐसे में इससे निपटने के लिए डुबान वाले क्षेत्रों में राजस्व, पुलिस, बाढ़ आपदा सहित प्रशासनिक दल को मुस्तैद किया गया है। दूसरी ओर बस्तर में रविवार को हुई बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं। कोंडागांव जिले के फरसगांव ब्लॉक के उरंदबेड़ा नाले पर बना पुल बह जाने के कारण 60 से ज्यादा गांव टापू बन चुके हैं।