September 26, 2024

भगोड़े स्वयंभू संत और रेप के आरोपी नित्यानंद ने दावा किया, मुझे भी राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का न्योता मिला

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नई दिल्ली
भगोड़े स्वयंभू संत और रेप के आरोपी नित्यानंद ने दावा किया है कि उसे भी अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का न्योता मिला है। सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर नित्यानंद के आधिकारिक हैंडल से दावा किया गया है कि वह राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में शामिल होगा। हालांकि इस पोस्ट में किसी कार्यक्रम का शेड्यूल भी दिया गया है जो कि अयोध्या के राम मंदिर के शेड्यूल से एकदम मेल नहीं खाता है। बता दें कि अपनी मायावी दुनिया 'कैलासा' बसाने वाला नित्यानंद अकसर  भ्रामक दावे करता रहता है।

22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। कार्यक्रम से पहले ही चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा रही है। सुरक्षा व्यवस्था इतनी कड़ी है कि आमंत्रित हस्तियों के अलावा परिंदे का पर मारना भी संभव नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को सुबह ही अयोध्या पहुंच रहे हैं। दोपहर 12 बजकर 15 मिनट से 12 बजकर 45 मिनट तक शास्त्र विधि से रामलला की 51 इंच ऊंची प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी और फिर मंदिर के पवित्र गर्भगृह में रामलला विराजमान हो जाएंगे।

नित्यानंद ने क्या किया पोस्ट
रेप और अपहरण के आरोपी नित्यानंद के हैंडल से राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर खुशी जताई गई। इसमें कहा गया कि पारंपरिक रूप से राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पूरी दुनिया प्रसन्न है। इस कार्यक्रम में एसपीएच नित्यानंद को भी आमंत्रित किया गया है। वह  इस भव्य कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसके बाद 'कैलासा' के मंदिर में पूजा, मुक्तिओपनिषद पाठ, अखंड राम जप, वीआईपी होसिंग, कैलासा मंदिर में द्वीप प्रज्ज्वलन का समद दिया गया है।

बता दें कि नित्यानंद उस वक्त फिर से चर्चा में आ गया जब उसके 'यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ कैलासा' के प्रतिनिधियों में संयुक्त राष्ट्र की एक बैठक में हिस्सा लिया था। नित्यानंद 2019 में भारत से फरार हो गया था. इसके बाद उसने एक द्वीप पर कैलासा बसाने का दावा किया। उसके कई अनुयायी सोशल मीडिया पर उसके बारे में जानकारी देते रहते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नित्यानंद ने इक्वाडोर के तट पर एक द्वीप खऱीदा है। दावा किया जाता है कि यहां वह हिंदुओं को पनाह देता है। इसकी एक वेबसाइट भी है। हालांकि संयुक्त राष्ट्र ने ऐसे किसी भी देश को मान्यता नहीं दी है।

 

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