November 26, 2024

तमिलनाडु सरकार ने 22 जनवरी को रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का लाइव प्रसारण देखने पर रोक लगा दी

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तमिलनाडु
तमिलनाडु सरकार ने 22 जनवरी को रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का लाइव प्रसारण देखने पर रोक लगा दी है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को यह दावा किया और इसे लेकर अपने गुस्से का इजहार किया है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट करके कहा, 'राज्य में श्री राम के 200 से अधिक मंदिर हैं। हिंदू रिलीजियस चैरिटी डिपार्टमेंट की ओर से नियंत्रित मंदिरों में भगवान राम के नाम पर किसी भी पूजा/भजन/प्रसादम/अन्नदानम की इजाजत नहीं है।' दूसरी तरफ तमिलनाडु के हिंदू रिलीजियस चैरिटी मिनिस्टर सेकर बाबू ने इस दावे को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि जानबूझकर गलत मैसेज फैलाया जा रहा है।

निर्मला सीतारमण ने अपनी पोस्ट में यह भी कहा कि जो मंदिर निजी तौर पर संचालित हैं, वहां भी पुलिस कार्यक्रम आयोजित करने से रोक रही है। उनकी ओर से आयोजकों को धमकी दी जा रही है कि ऐसा कुछ हुआ तो वे पंडाल तोड़ देंगे। यह हिंदू विरोधी और घृणित कार्रवाई है, जिसकी मैं कड़ी निंदा करती हूं।' उन्होंने कहा कि तमिलनाडु सरकार अनौपचारिक लाइव टेलीकास्ट प्रतिबंध को उचित ठहराने के लिए कानून व्यवस्था के बिगड़ने का दावा कर रही है। यह एक झूठी और फर्जी कहानी है।

हिंदू विरोधी डीएमके सरकार बेहद परेशान: सीतारमण
निर्मला सीतारमण ने कहा, 'अयोध्या फैसले के दिन कानून-व्यवस्था की कोई समस्या नहीं थी। देश-भर यह समस्या वह दिन भी नहीं थी जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर का शिलान्यास किया था। तमिलनाडु में प्रभु श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा उत्सव मनाने के लिए लोगों में उमड़े स्वैच्छिक भागीदारी और भावना ने हिंदू विरोधी डीएमके सरकार को बेहद परेशान कर दिया है।'

जानबूझकर फैलाया जा रहा गलत मैसेज: डीएमके मंत्री
दूसरी ओर, तमिलनाडु के हिंदू रिलीजियस चैरिटी मिनिस्टर सेकर बाबू ने इस दावे को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि सेलम में डीएमके का युवा सम्मेलन चल रहा है जिससे ध्यान भटकाने के लिए यह अफवाह फैलाई जा रही है। उन्होंने कहा, 'चैरिटी डिपार्टमेंट ने तमिलनाडु के मंदिरों में भक्तों पर राम के नाम पर पूजा करने, भोजन देने या प्रसाद चढ़ाने पर कोई रोक नहीं लगाई है। यह अफसोसजनक है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जैसी शख्सियत जो इतने ऊंचे पद पर बैठी हैं, वो पूरी तरह से गलत संदेश फैला रही हैं।

 

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