11.1 लाख करोड़ के पूंजीगत व्यय से कारोबार में होगी जबरदस्त बढ़ोतरी : कैट
नई दिल्ली
खुदरा व्यापारियों के शीर्ष संगठन कनफ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने नए वित्त वर्ष के लिए पेश बजट का स्वागत करते हुए कहा कि बजट में प्रस्तावित 11.1 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय से कारोबार में जबरदस्त बढ़ोतरी होगी।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी. सी. भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वार सांसद में वित्त वर्ष 2024-2025 के लिए पेश अंतरिम बजट का स्वागत करते हुए कहा कि 11.1 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय से देश के बाज़ारों में कारोबार में जबरदस्त वृद्धि होगी। वहीं, लॉजिस्टिक कॉरिडोर बनाने तथा रेलवे की माल ढुलाई को अधिक सक्षम बनाने से माल की आवाजाही और अधिक सरलता से होगी। इससे भी व्यापार में वृद्धि होगी। साथ ही 11.1 लाख करोड़ रुपये के खर्च से देश में विभिन्न परियोजनाओं से व्यापार और बड़े पैमाने पर रोज़गार भी बढ़ेगा।
भरतिया एवं खंडेलवाल ने कहा कि इस राशि से देश भर में अधिक निर्माण कार्य होंगे जिसके चलते विभिन्न क्षेत्रों में नई आधारिक सुविधाएं बनाने के लिए खर्च का उपयोग हो सकता है, जिससे बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर बनेगा और उससे भी व्यापार में वृद्धि होगी। उन्होंने यह भी कहा कि उससे उत्पादन में वृद्धि होगी तथा यह खर्च उत्पादन को बढ़ावा देने और विभिन्न उद्यमों को समर्थन करने के माध्यम से व्यापार में वृद्धि की स्थिति में सुधार कर सकता है। इससे देश भर में व्यापार में वृद्धि होगी और वित्तीय तरलता बढ़ेगी।
उभरते क्षेत्र में अनुसंधान बढ़ाने के लिए एक लाख करोड़ रूपये का कोष : सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि उभरते हुए क्षेत्रों में निजी क्षेत्र के अनुसंधान एवं अभिनव प्रयासों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से एक लाख करोड़ रूपये का कोष बनाया जाएगा जिसमें 50 वर्ष का ब्याज रहित ऋण दिया जाएगा।
वित्त मंत्री ने 2024-25 के अंतरिम बजट को पेश करते हुए यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि भारत के प्रौद्योगिकी पसंद करने वाले युवाओं के लिए यह एक स्वर्णिम युग है।
उन्होंने कहा, ''एक लाख करोड़ रुपये का कोष स्थापित किया जाएगा जिसमें 50 वर्ष का ब्याज रहित ऋण होगा। इस कोष पूंजी के माध्यम से दीर्घकालिक वित्तपोषण अथवा लंबी अवधि के लिए फिर से वित्तपोषण किया जाएगा तथा इसमें कम या शून्य ब्याज दर होगी।''
वित्त मंत्री ने कहा, ''इससे निजी क्षेत्र को अनुसंधान एवं अभिनव पहल करने के लिए, विशेषकर उभरते हुए क्षेत्र में, प्रोत्साहन मिलेगा। हमें ऐसे कार्यक्रमों की आवश्यकता है जो हमारे युवाओं की शक्ति को प्रौद्योगिकी से मिला सके।''