अमेरिका के ही तेल से रूस की मदद करेगा चीन, ड्रैगन के गेम को देख बाइडेन टीम के छूटे पसीने
वॉशिंगटन
अब तक चीन रूसी तेल खरीदने वाला सबसे बड़ा देश बन गया है, लेकिन ड्रैगन की नई चाल को देखकर टीम बाइडेन के पसीने छूट गये हैं। जीओपी सांसदों के एक समूह ने चिंता व्यक्त की है, अमेरिकी तेल कंपनी के तेल का इस्तेमाल चीन रूस की मदद करने के लिए कर सकता है। जीओपी सांसदों ने राष्ट्रपति बाइडेन को फौरन इस तरफ ध्यान देने के लिए कहा है।
चीन के दिमाग से हिला अमेरिका अमेरिका की तेल कंपनी 'यूनिपेक अमेरिका' जिसका संचालन चीन की कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा संचालित एक कंपनी करती है, उसको लेकर जीओपी सांसदों ने गहरी चिंता जताई है और कहा है, कि रूस का समर्थन करने के लिए चीन इस कंपनी का इस्तेमाल कर सकता है। लिहाा, बाइडेन प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए, कि देश की महत्वपूर्ण संपत्तियों की बिक्री का वो उचित प्रबंधन करे। सांसद एक बार फिर ऊर्जा विभाग (डीओई) के सचिव जेनिफर ग्रानहोम को तत्काल ब्रीफिंग और एसपीआर बिक्री से संबंधित सभी दस्तावेज और संचार प्रदान करने के लिए बुला रहे हैं।
कंपनी पर निगरानी रखने का निर्देश अमेरिका की हाउस कमेटी ऑन ओवरसाइट एंड रिफॉर्म रैंकिंग के सदस्य जेम्स कॉमर और उपसमिति ऑन सिविल राइट्स एंड सिविल लिबर्टीज रैंकिंग सदस्य नैन्सी मेस ने कहा कि, "हम सामरिक पेट्रोलियम रिजर्व (एसपीआर) से अमेरिकी ऊर्जा विभाग के तेल की कमी की निगरानी जारी रख रहे हैं। डीओई के मुताबिक, बाइडेन प्रशासन ने हाल ही में सिनोपेक की एक सहायक कंपनी यूनिपेक अमेरिका को लगभग एक मिलियन बैरल एसपीआर तेल बेचा है। जो चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के स्वामित्व में कारोबार करती है।"
रिपब्लिकन सांसदों ने लिखा है कि, जो बाइडेन के बेटे हंटर बाइडेन को भी इस कंपनी से धन प्राप्त होता है और यूनिपेक को बेचने का फैसला परेशान करने वाला है, क्योंकि चीनी कंपनियां यूक्रेन पर रूस के आक्रमण का समर्थन कर रही हैं। अमेरिकी लोगों को यह सुनिश्चित करने के लिए, कि बाइडेन प्रशासन ठीक से महत्वपूर्ण संपत्तियों की बिक्री का प्रबंधन करता है और चीन को तेल उपलब्ध कराकर रूस का समर्थन नहीं करता है, हम इस मामले से संबंधित एक ब्रीफिंग और दस्तावेजों को उपलब्ध कराने का अनुरोध करते हैं।"