November 22, 2024

सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0 अन्तर्गत आंगनवाड़ी सेवा योजना में पूर्व निर्धारित राशि ही मिलेगी – मंत्री निर्मला भूरिया

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सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0 अन्तर्गत आंगनवाड़ी सेवा योजना में पूर्व निर्धारित राशि ही मिलेगी – मंत्री सुनिर्मला भूरिया

प्रधानमंत्री मोदी आज वीसी से करेंगे आंवलिया एवं पारसडोह सिंचाई परियोजनाओं का लोकार्पण

राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) टेटवाल ने अतिवृष्टि एवं ओला प्रभावित क्षेत्रों का किया भ्रमण

आंगनवाड़ी केन्द्रों में बच्चों को प्रदान की जाने वाली प्री-स्कूल किट की राशि भी बढ़ी

भोपाल

महिला एवं बाल विकास मंत्री सुनिर्मला भूरिया ने जानकारी देते हुए कहा है कि भारत सरकार द्वारा सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0 अन्तर्गत आंगनवाड़ी सेवा योजना के वित्तीय मापदण्डों में परिवर्तन किया गया है। राज्य शासन द्वारा इन वित्तीय मापदण्डों के परिवर्तन को स्वीकृति प्रदान की गई है। आंगनवाड़ी सेवा योजना अंतर्गत केन्द्रांश का निर्धारित 25 प्रतिशत राशि बंद होने के कारण राज्य शासन द्वारा 25 प्रतिशत की राशि लगभग 80 करोड़ रूपये राज्य मद से दिये जाने की स्वीकृति राज्य मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदान की गई है।

सुभूरिया ने कहा कि आंगनवाड़ी केन्द्रों के बच्चों की प्री-स्कूल किट के लिये राशि रूपये 1000/- प्रति आंगनवाड़ी केन्द्र प्रतिवर्ष से बढ़ाकर राशि रूपये 3000/- प्रति केन्द्र प्रतिवर्ष एवं जिला तथा परियोजना कार्यालयों के वाहनों के संचालन पूर्व से निर्धारित राशि रूपये 2.50 लाख प्रतिवर्ष को बढ़ाकर राशि रूपये 4.50 लाख प्रतिवर्ष किया गया है। उन्होंने कहा है कि इन परिवर्तित मापदण्डों के अनुरूप इन मदों की अंतर राशि सहित योजना के अंतर्गत 03 वर्षों में कुल राशि रूपये 286.41 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की गई, जिसमें से राशि रूपये 255.83 करोड़ राज्य शासन के द्वारा तथा भारत सरकार के द्वारा राशि रूपये 31.55 करोड़ की राशि वहन की जायेगी।

राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) टेटवाल ने अतिवृष्टि एवं ओला प्रभावित क्षेत्रों का किया भ्रमण

प्रभावित फसलों का शीघ्र सर्वे करने के निर्देश

भोपाल :

तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम टेटवाल ने सारंगपुर एवं नरसिंहगढ़ क्षेत्र में अतिवृष्टि एवं ओला प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण कर शीघ्रता से सर्वे करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। नरसिंहगढ विधानसभा क्षेत्र के विधायक मोहन शर्मा और कलेक्टर हर्ष दीक्षित भी उनके साथ थे।

नुकसानी का निरीक्षण करने के उपरांत राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) टेटवाल ने अधिकारियों से कहा कि ओलावृष्टि एवं अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों की फसलों का सर्वे गंभीरता एवं संवेदनशीलता के साथ किया जाए। इससे प्रभावित किसानों को राहत राशि शीघ्रता से उपलब्ध कराई जा सके। उन्होंने कहा कि सर्वे कार्य की वे स्वयं एवं विधायक सतत मानिटरिंग करेंगे। राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) टेटवाल ने सारंगपुर क्षेत्र में ओलावृष्टि एवं अतिवृष्टि से प्रभावित गांव लाटाहेड़ी, टिकोद, कालुखेडा तथा करोंदी का निरीक्षण किया। साथ ही नरसिंहगढ क्षेत्र के गांव नाहली, इकलेरा, सिका, पिपलिया तवक्कुल, पाडलियादान, पुरा, बड़बेली तथा तलेन में भी प्रभावित फसलों का अवलोकन किया।

प्रधानमंत्री मोदी आज वीसी से करेंगे आंवलिया एवं पारसडोह सिंचाई परियोजनाओं का लोकार्पण

जल संसाधन मंत्री सिलावट ने कार्यक्रम स्थल का किया निरीक्षण

भोपाल

  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 फरवरी को "विकसित भारत, विकसित मध्यप्रदेश" कार्यक्रम में वीसी के माध्यम से मध्यप्रदेश जल संसाधन विभाग की 809.67 करोड़ रूपए की 2 मध्यम-सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाओं आंवलिया एवं पारसडोह का लोकार्पण करेंगे। मुख्य कार्यक्रम लाल परेड ग्राउंड में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की उपस्थिति में अपरान्ह 4 बजे से आयोजित होगा।

जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने लाल परेड ग्राउंड पहुँचकर कार्यक्रम की व्यवस्थाओं का जायजा लिया एवं आयोजन संबंधी निर्देश दिए। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव जल संसाधन राजेश राजौरा, पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र, कलेक्टर कौलशेन्द्र विक्रम सिंह एवं संबंधित उपस्थित थे।

पारसडोह मध्यम सिंचाई परियोजना 585.21 करोड़ रूपए की लागत से बैतूल जिले की मुलताई तहसील के ग्राम प्रभात पटटन में बनाई गई है। परियोजना का सिंचित क्षेत्र 19785 हैक्टेयर हैं। परियोजना से 42 गांव के 12507 किसान परिवार लाभांवित होंगे। ताप्ती नदी पर बनाई गई इस परियोजना की जल-भराव क्षमता 72.73 मि.घ.मी है तथा इसकी अधिकतम विद्युत खपत 8 मेगावॉट है।

आंवलिया मध्यम सिंचाई परियोजना 224.46 करोड़ रूपए की लागत से खंडवा जिले की खालवा तहसील के ग्राम रोशनी में बनाई गई है। परियोजना का सिंचित क्षेत्र 6703 हैक्टेयर हैं। परियोजना से 14 गांव के 3739 किसान परिवार लाभांवित होंगे। नर्मदा नदी की सहायक घोड़ापछाड़ नदी पर बनाई गई इस परियोजना की जल-भराव क्षमता 26.24 मि.घ.मी है तथा इसकी अधिकतम विद्युत खपत 1.13 मेगावॉट है।  

 

 

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