ठग उदयपुर से गिरफ्तार; 100 करोड़ की ठगी
भोपाल
सोशल सिक्योरिटी नंबर (एसएसएन) अधिकारी बन अमेरिकी नागरिकों से ठगी करने वाले आरोपित हर्ष भावसार को इंदौर की क्राइम ब्रांच पुलिस ने उदयपुर (राजस्थान) से गिरफ्तार कर लिया। उस पर 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी का आरोप है। क्राइम ब्रांच को हर्ष की दो वर्ष से तलाश थी। आरोपित पर पुलिस आयुक्त हरिनारायणाचारी मिश्र ने 30 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया था।
इधर, अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआइ ने भी हर्ष के खिलाफ पुलिस आयुक्त को सुबूत भी सौंपे थे। क्राइम ब्रांच ने ठगी के मामले में नवंबर 2020 में स्कीम-94 स्थित ओके सेंट्रल बिल्डिंग से आरोपित जोशी वट्टपरबिल फ्रांसिस, जयराज पटेल, मेहुल, संदीप, यश प्रजापति, हिमांशु सांचला, अक्षत, चंचल, रोहित, विशाल, विश्व दवे, रोशन गोस्वामी, जितेंद्र, अर्चित विजयवर्गीय, राहुल श्रीवास्तव, करण, कुलदीप, चिंतन गदोया, महिमा पटेल, आकृति, आलिया शेख को गिरफ्तार किया था। आरोपित इंटरनेशनल काल सेंटर की आड़ में अमेरिकी नागरिकों से ठगी कर रहे थे।
कार्रवाई होते देख काल सेंटर संचालक करण भट्ट और हर्ष भावसार फरार हो गए थे। 27 जून, 2022 को क्राइम ब्रांच ने करण को उत्तराखंड से गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन हर्ष पुलिस को लगातार चकमा दे रहा था। शुक्रवार को पुलिस को खबर मिली कि हर्ष अहमदाबाद से उदयपुर जा रहा है। डीसीपी (अपराध) निमिष अग्रवाल ने रात में ही टीम उदयपुर के लिए रवाना की और हर्ष को एक होटल से गिरफ्तार कर लिया। शनिवार दोपहर उसे कोर्ट में पेश कर सात दिनों की रिमांड पर लिया गया है।
आरोपित से एडीसीपी (अपराध) गुरुप्रसाद पाराशर व एसीपी (अपराध) निमेष देशमुख पूछताछ कर रहे हैं। हर्ष ने बताया कि वह दो साल से देशभर में फरारी काट चुका है। मठ और मंदिरों में रुककर साथियों की जमानत का इंतजार कर रहा था।
धमकाते थे एसएसएन अधिकारी बन आरोपित
करण और हर्ष इंटरनेशनल काल सेंटर यूसी इन्फोटेक की आड़ में अमेरिकी नागरिकों को धमकाते थे। वे ड्रग केस, चेक बाउंस, साइबर अफराध, ट्रैफिक उल्लंघन जैसी अवैध गतिविधियों में लिप्त होने की धमकी देकर एसएसएन नंबर बंद करने की धमकी देते थे। आरोपित डालर में धनराशि वसूलते और चीन, पेरू सहित अन्य देशों के खातों के जरिये भारतीय हवाला कारोबारियों के माध्यम से कैश करवा लेते थे। एफबीआइ ने सौंपी रिपोर्टआरोपितों ने करीब 100 करोड़ रुपयों की ठगी स्वीकारी तो अधिकारी चौंक गए।
पुलिस मुख्यालय के माध्यम से एफबीआइ को रिपोर्ट भेजी गई और उन लोगों के कथन (आनलाइन) लिए, जिनके साथ ठगी हुई थी। एफबीआइ अधिकारियों ने इंदौर पुलिस आयुक्त को पीडि़तों की रिपोर्ट सौंपी। जालसाजी में गुजरात के शैलेष पंड्या, वत्सल्य मेहता, तुषार, देव त्रिवेदी आदि का नाम भी सामने आया है, जो अधिकारियों के नाम से 70 लाख रुपये ले चुके थे।