September 24, 2024

पीएचक्यू का प्रस्ताव केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ठुकराया, नहीं मिलेगा कॉडर रिव्यू का लाभ

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भोपाल
जून में आईपीएस कॉडर रिव्यू होने के बाद राज्य पुलिस सेवा  (एसपीएस)के अफसरों को उम्मीद थी कि इस साल 15 अफसरों को आईपीएस अवार्ड  हो जाएगा, लेकिन केंद्रीय गृह मंत्रालय से मिली मंजूरी ने एसपीएस के अफसरों को जोर का झटका दिया है। कॉडर रिव्यू का फायदा इस साल राज्य पुलिस सेवा के किसी भी अफसर को नहीं मिल सकेगा।

एमएचए के इस फैसले का असर एसपीएस के कई अफसरों को अपने सेवाकाल में आईपीएस बनने में बढ़ा रोढ़ा साबित हो सकता है। दरअसल जून में हुए आईपीएस कॉडर रिव्यू में राज्य पुलिस सेवा के अफसरों को आईपीएस बनाने के लिए पांच और पद मिल गए हैं। जबकि इस साल 1 जनवरी की स्थिति में दस अफसरों को ही आईपीएस मिलना था, लेकिन जून के बाद यह उम्मीद जागी थी कि अब 15 अफसर आईपीएस हो सकते हैं। ऐसे में वर्ष 1996 बैच के अफसर पदोन्नत होकर आईपीएस बन जाएंगे। जबकि 1997 बैच के भी अफसरों को उम्मीद थी कि उनके बैच के आधा दर्जन अफसर भी कॉडर रिव्यू के बाद अब इसी साल आईपीएस बन जाएंगे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।  

पीएचक्यू ने तैयार किया था प्रस्ताव
बताया जाता है कि कॉडर रिव्यू से पहले दस अफसरों को आईपीएस दिए जाने का प्रस्ताव बनाया जा रहा था, जून में कॉडर रिव्यू के बाद 15 अफसरों को आईपीएस बनाए जाने का प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय ने गृह विभाग को भेजा था। इधर एमएचए ने उत्तर प्रदेश सहित अन्य उन सभी राज्यों में इस साल कॉडर रिव्यू का फायदा देने से साफ इंकार कर दिया। इसके बाद एमएचए ने प्रदेश को भी सिर्फ 1 जनवरी 2022 की स्थिति के अनुसार ही एसपीएस के अफसरों को आईपीएस बनाए जाने की स्वीकृति दी।

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