भोजशाला में मिले ज्ञानवापी की तरह प्रमाण
धार
भोजशाला में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) के सर्वेक्षण का आज तीसरा दिन है। एएसआई की टीम तकनीकी के उपकरणों के साथ 7 बजकर 50 मिनट पर परिसर पहुंची। साथ में याचिकाकर्ता आशीष गोयल, भोजशाला मुक्ति संगठन के संयोजक गोपाल शर्मा और मुस्लिम पक्ष से अब्दुल समद भी एएसआई टीम के साथ अंदर गए।
हिंदू पक्ष के प्रतिनिधि के रूप में मौजूद आशीष गोयल ने बताया कि टीम को हिंदू देवी-देवताओं के चिह्न मिले हैं। इतिहास में वर्णित है कि यह कक्ष गणपति मंदिर हुआ करता था। प्रतिनिधि गोपाल शर्मा ने बताया कि भोजशाला परिसर में ज्ञानव्यापी की ही तरह एक बावड़ी है। यह मुख्य परिसर से बाहर है, लेकिन 50 मीटर के दायरे में ही है।
पहले दिन का सर्वे शून्य करने की मांग
आज परिसर में दाखिल होने से पहले अब्दुल समद ने कहा कि पहले दिन के सर्वे को शून्य घोषित करने के लिए एएसआई को मेल किया है। आपत्ती यह है कि 2003 के बाद चीज अंदर गई है उनको सर्वे में शामिल न किया जाए। जो चीज दिख रही है उनको दर्ज करें ना कि यहां कुछ और देखें। हम सर्वे के खिलाफ नहीं है हम नए सर्वे के खिलाफ हैं। जो नई चीज दाखिल की है उस पर हमारी आपत्ति है। उन्होंने तीन टीम बनाई है और तीन अलग-अलग स्थान पर काम कर रहे हैं। हमारी उसमें भी आपत्ति है। क्योंकि मैं अकेला व्यक्ति अंदर हूं। एक टीम बनाकर एक जगह काम करें। मैं एक वक्त में तीन जगह कैसे रह पाऊंगा।