September 24, 2024

दिल्ली मॉडल स्कूल योजना को लागू करेगा तमिलनाडु

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चेन्नई

तमिलनाडु सरकार अब दिल्ली के आधार पर स्कूल खोलने की तैयारी में है। सोमवार को 'स्कूल ऑफ एक्सीलेंस एंड मॉडल' स्कीम का उद्घाटन करने के लिए स्टालिन सरकार पूरी तरह तैयार है। यह योजना राज्य के सरकारी स्कूलों की स्थिति को बदलने के लिए है। दिल्ली के सरकारी स्कूलों की तरह अब तमिलनाडु के स्कूल भी नजर आएंगे।
सरकारी भारती महिला कॉलेज में आयोजित होने वाले एक कार्यक्रम में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने तमिलनाडु  समकक्ष एम के स्टालिन की उपस्थिति में यहां इस योजना का शुभारंभ करेंगे।

योजना के पहले चरण में 26 एक्सीलेंस स्कूल और 15 मॉडल स्कूल शामिल हैं। 'थगैसल पल्लीगल' और 'मथिरी पल्लीगल' SoE (Schools of Excellence) और मॉडल स्कूलों के आधिकारिक तमिल नाम हैं।

स्टालिन मुवलुर रामामिरथम अम्मायार स्मारक 'पुथुमाई पेन' (Modern Women) योजना का शुभारंभ करेंगे। इसके तहत उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाली कक्षा 6-12 से सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली छात्राओं को 1,000 रुपये की मासिक वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।

स्टालिन ने दिल्ली के स्कूलों को किया था दौरा

अप्रैल में केजरीवाल के साथ स्टालिन ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों का दौरा किया था और ऐसे संस्थानों में बुनियादी ढांचे की प्रशंसा की थी। उन्होंने तब कहा था कि उनकी सरकार तमिलनाडु में इसी तरह की शैक्षणिक सुविधाएं स्थापित करेगी। वहीं, अब काम पूरा होने के बाद केजरीवाल को उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया गया है।

राज्य के सरकारी स्कूलों की योजना में किया गया है सुधार

2022-23 के बजट में राज्य सरकार ने कहा था कि मूवलुर रामामिरथम अम्मैयार मेमोरियल मैरिज असिस्टेंस स्कीम को मूवलुर रामामिरथम अम्मैयार हायर एजुकेशन एश्योरेंस स्कीम के रूप में तब्दील किया जा रहा है। उच्च शिक्षा में सरकारी स्कूलों की छात्राओं का नामांकन अनुपात बहुत कम है और इसी पहलू को देखते हुए इस योजना में सुधार किया गया है।

इस योजना के तहत सरकारी स्कूलों में कक्षा 6 से 12 तक पढ़ने वाली सभी छात्राओं को उनकी स्नातक डिग्री, डिप्लोमा और आईटीआई पाठ्यक्रमों के निर्बाध रूप से पूरा होने तक सीधे उनके बैंक खाते में 1,000 रुपये का भुगतान किया जाएगा।

लगभग 6 लाख छात्राओं को हर साल मिल सकता है लाभ

छात्र अन्य छात्रवृत्तियों के अलावा इस सहायता के पात्र होंगे। इस कार्यक्रम के माध्यम से लगभग 6 लाख छात्राओं को हर साल संभावित रूप से लाभ मिल सकता है। इस नई योजना के लिए बजट में 698 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई थी।

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