संजय राउत को नहीं मिली राहत,हिरासत 19 सितंबर तक बढ़ी
मुंबई
धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत ने पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामले में शिवसेना सांसद संजय राउत की न्यायिक हिरासत 19 सितंबर तक बढ़ा दी है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राउत को 1 अगस्त को मनी लॉन्ड्रिंग के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। राउत आठ दिनों के लिए ईडी की हिरासत में थे, जब उन्हें 9 अगस्त को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था, जब ईडी ने कहा था कि उनकी और हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता नहीं है।
ईडी की हिरासत में रहने के बाद शिवसेना के नेता को आठ अगस्त को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) से जुड़े मामलों की सुनवाई कर रहे विशेष न्यायाधीश एम. जी. देशपांडे ने सोमवार को राउत की हिरासत अवधि पांच सितंबर तक बढ़ा दी. ईडी ने अदालत को बताया कि मामले में उसकी जांच अब भी जारी है. ईडी की जांच पात्रा चॉल के पुनर्विकास में कथित वित्तीय अनियमितताओं और राउत की पत्नी तथा सहयोगियों से संबद्ध वित्तीय लेनदेन से जुड़ी है.
राउत ने सभी आरोपों को किया खारिज
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के करीबी संजय राउत ने इन सभी आरोपों को खारिज किया है. मुबंई के पात्रा चॉल मामले में जेल में बंद शिवसेना सांसद संजय राउत की मुश्किल और बढ़ गई है. कोर्ट ने 19 सितंबर तक उनकी न्यायिक हिरासत बढ़ा दी है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राउत को 1 अगस्त को मुंबई के उत्तरी उपनगरों में एक पुनर्विकास परियोजना से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग के सिलसिले में गिरफ्तार किया था. राउत को अपने सह आरोपी प्रवीण राउत से कांदिवली में पात्रा चॉल की पुनर्विकास परियोजना से अपराध की आय प्राप्त करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
राउत के परिवार को 1 करोड़ रुपये ‘प्रत्यक्ष लाभार्थी’ के रूप में मिले
ईडी ने शुरू में दावा किया था कि राउत के परिवार को 1.06 करोड़ रुपये ‘प्रत्यक्ष लाभार्थी’ के रूप में मिले थे और बाद में दावा किया कि 2.25 करोड़ रुपये के नए निशान का पता चला था. राउत ने आरोपों से इनकार किया है.