सुशील मोदी को कैंसर, लोकसभा चुनाव में प्रचार नहीं कर पाएंगे
पटना
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और पूर्व राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) कैंसर से जूझ रहे हैं. उन्होंने इसकी जानकारी ट्वीट कर दी है. सुशील मोदी ने कहा कि पीएम मोदी को बता दिया है कि मैं लोकसभा चुनाव में कुछ नहीं कर पाऊंगा.
बीजेपी नेता ने लिखा, "पिछले 6 महीने से कैंसर से संघर्ष कर रहा हूं. अब लगा कि लोगों को बताने का समय आ गया है. लोकसभा चुनाव में कुछ कर नहीं पाऊंगा. PM मोदी को सब कुछ बता दिया है, देश, बिहार और पार्टी का सदा आभार और सदैव समर्पित."
रविशंकर प्रसाद ने की स्वस्थ होने की कामना
पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने सुशील मोदी के स्वास्थ्य पर कहा कि मैं बहुत दुखी हूं. मैं उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं.
सम्राट चौधरी बोले- ठीक होकर जल्द सक्रिए जीवन में आएं
बिहार बीजेपी अध्यक्ष और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने भी ट्वीट कर सुशील मोदी के जल्द स्वस्थ होने की सूचना मिली है. उन्होंने कहा कि बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी जी के अस्वस्थ होने की सूचना मिली है. मैं उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए ईश्वर से कामना करता हूं. स्वस्थ होकर पुनः सक्रिय जीवन में आएं, ऐसी प्रार्थना बिहार की जनता भी करती है.
चारों सदनों के सदस्य रह चुके हैं सुशील मोदी
सुशील मोदी बिहार की राजनीति में बड़ा नाम है. राज्य में उन्हें बीजेपी का बड़ा नेता माना जाता है. बीजेपी नेता सुशील मोदी लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा और विधान परिषद चारों सदनों के सदस्य रह चुके हैं. हालांकि इस साल उन्हें राज्यसभा नहीं भेजा गया. उन्होंने 2004 के लोकसभा चुनाव में भागलपुर से जीत हासिल की थी, लेकिन बिहार में नीतीश के साथ सरकार बनाने के बाद उन्होंने संसद से इस्तीफा दे दिया था और फिर 2005 से 2013 तक बिहार सरकार में लगातार उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री बने रहे. उसके बाद नीतीश आरजेडी के साथ चले गए तो वह विधानपरिषद में नेता प्रतिपक्ष भी बने. उसके बाद जब नीतीश कुमार ने एनडीए में वापसी की तो एक बार फिर वह डिप्टी सीएम बने.
राज्यसभा का कार्यकाल भी हो चुका खत्म
कई बार ऐसे हालात बने कि कहा जाने लगा सुशील मोदी को बीजेपी ने साइडलाइन कर दिया है. साल 2020 में रामविलास पासवान के निधन से खाली हुई राज्यसभा सीट से सुशील मोदी को राज्यसभा भेज दिया गया था. हालांकि राज्यसभा में उनका कार्यकाल समाप्त हो चुका है और उन्हें दोबारा राज्यसभा नहीं भेजा गया.
छात्रनेता से शुरू किया था राजनीतिक सफर
सुशील मोदी ने अपना राजनैतिक करियर पटना यूनिवर्सिटी से छात्र नेता के रूप में शुरू किया था. उसके बाद 1973 में वह पीयू छात्रसंघ महासचिव बने. उन्होंने 1974 में बिहार छात्र आंदोलन का नेतृत्व किया था. जेपी आंदोलन और आपातकाल के दौरान उन्हें पांच बार गिरफ्तार किया गया. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में MISA की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी थी, जिसके बाद MISA की धारा 9 को असंवैधानिक करार दिया गया था.