November 24, 2024

उद्धव को शिवाजी पार्क की बजाय दशहरा रैली कहीं और रैली कर लेनी चाहिए-रामदास आठवले

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मुंबई

क्या उद्धव ठाकरे को शिवाजी पार्क में दशहरे पर आयोजित होने वाली शिवसेना की सालाना रैली को संबोधित करने का मौका नहीं मिल पाएगा? राज्य में जिस तरह के हालात पैदा हो रहे हैं और बीएमसी की ओर से अब तक मंजूरी न मिलने से ऐसे ही कयास लगने लगे हैं। इस बीच केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने भी उद्धव ठाकरे को चुभने वाली सलाह दी है। एक निजी कार्यक्रम में मुंबई पहुंचे आठवले ने कहा कि असली शिवसेना तो एकनाथ शिंदे की है। इसलिए रैली करने की अनुमति उन्हें ही मिलनी चाहिए। यही नहीं उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे को शिवाजी पार्क की बजाय कहीं और रैली कर लेनी चाहिए।

आठवले ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पास दो तिहाई बहुमत है। इसलिए मुंबई नगर निगम उन्हें शिवाजी पार्क में दशहरा रैली आयोजित करने की अनुमति दे। उन्होंने कहा कि असली शिवसेना एकनाथ शिंदे की है। उनके पास 2/3 बहुमत है। कार्यकर्ताओं का भरपूर समर्थन मिल रहा है। इसलिए असली शिवसेना को दशहरा सभा की अनुमति लेनी चाहिए। केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि नगर निगम शिवाजी पार्क में केवल एकनाथ शिंदे को ही अनुमति दे। उन्होंने कहा कि यदि मनसे के कार्यकर्ता रैली करना चाहते हैं तो वे भी बैठक करें। सभी को एकजुट होने और रैलियां करने का अधिकार है।

बीएमसी में बहुमत हासिल करने का भरा दम

आठवले ने कहा कि हमारी सभा तो नागपुर में है वरना हम भी इकट्ठे होते। इसके अलावा भाजपा नेताओं की राज ठाकरे से मुलाकात पर भी रामदास अठावले ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा राज ठाकरे की तबीयत ठीक नहीं थी। ऐसे में उनसे मुलाकात करने में कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने कहा कि इसे मुंबई नगर निकाय चुनाव से जोड़ने की जरूरत नहीं है। अठावले ने कहा कि भाजपा, आरपीआई और शिंदे समूह एकजुट हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हमारा गठबंधन बीएमसी चुनाव में जीत हासिल करने में सफल होगा। उन्होंने कहा कि मुंबई नगर निगम के पिछले चुनाव में बीजेपी और आरपीआई के बीच गठबंधन हुआ था और हमने 82 सीटें जीतीं। अब बहुमत के लिए 114 से ज्यादा सीटें जीतने में कोई दिक्कत नहीं है।

राज ठाकरे को लिया साथ तो नहीं मिल पाएंगे ये वोट

इसके अलावा उन्होंने यह भी चेताया कि अगर राज ठाकरे को साथ लिया गया तो बीजेपी हार सकती है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राज ठाकरे को साथ लाने से उत्तर भारतीय, गुजराती और दक्षिणी मतदाताओं का वोट नहीं मिलेगा। इससे नुकसान होगा। इसलिए राज ठाकरे को साथ लाने की जरूरत नहीं है। आरपीआई भाजपा के पीछे मजबूती से खड़ी है। केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि हम दलित वोटों और बौद्ध वोटों को पक्ष में लाने में सक्षम हैं।

 

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