रीवा में बोरवेल में गिरे बच्चे को बचाने के प्रयास जारी, 50 फीट तक हुई खुदाई, दोनों ओर 40-40 फीट के गड्ढे भी बनाए
रीवा
रीवा में शुक्रवार को बोरवेल में गिरे 6 साल के आदिवासी बच्चे को बाहर निकालने का काम शुक्रवार से आज तक चल रहा है। बोरवेल के पैरलल 60 फीट से अधिक खुदाई के बाद पानी निकल आया। बच्चा शुक्रवार को दोपहर करीब साढ़े तीन बजे 160 फीट गहरे बोरवेल में गिरा था। बच्चे की मां शीला का रो-रोकर बुरा हाल है। बच्चे की नानी निर्मला का कहना है कि हमें भगवान पर भरोसा है। बच्चा जल्दी बाहर आ जाएगा।
कलेक्टर प्रतिभा पाल ने बताया कि बच्चे को बचाने के प्रयास चल रहे हैं। बोरवेल की गहराई 70 फीट है, अब तक 50 फीट खुदाई की जा चुकी है। कैमरे और एलईडी के माध्यम से जानकारी ली है, उसके अनुसार 45 से 50 फीट की गहराई में बच्चे के फंसे होने की संभावना है। बोरवेल के पास टनल बनाई जा रही है, ताकि बच्चे तक आसानी से पहुंचा जा सके।
देर रात पहुंची थी एसडीआरएफ की टीम
देर रात बच्चे को बचाने के लिए बनारस से एनडीआरएफ की टीम भी पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन में जुट गई है। बोरवेल में दोनों ओर से लगभग 40 फीट के गड्ढे बना दिए गए हैं इनके माध्यम से मासूम को बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है।
पूरी रात चला रेस्क्यू ऑपरेशन
गौरतलब है कि शुक्रवार को 6 वर्षीय मासूम खेलते समय खुले बोरबेल में गिर गया था। जिसकी सूचना पुलिस को दी। वहीं प्रशासन भी मौके पर पहुंच गया था और रेस्क्यू टीम को बचाकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया था। देर रात तक 37 फीट खुदाई होने के बाद भी रेस्क्यू ऑपरेशन टीम बच्चे तक नहीं पहुंच सकी है। पूरी रात चला रेस्क्यू ऑपरेशन, लेकिन बच्चे का सुराग नहीं लग सका। बच्चे के 55 फीट के आसपास फंसे होने की आशंका जताई जा रही है।
दोस्तों के साथ खेल रहा था मयंक
बताया गया कि मयंक गेहूं के खेत में अपने दोस्तों के साथ खेल रहा था। इसी दरमियान वो अचानक फिसलकर बोरवेल में जा गिरा। जिसकी सूचना साथ खेल रहे बच्चों ने मयंक के घर वालों को दी। स्थानीय लोगों और परिजनों के द्वारा तत्काल घटना की सूचना पुलिस को दी गई। फिलहाल बच्चे को सुरक्षित तरीके से बोरवेल से बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक बोरवेल 60 फीट गहरा है।