घरेलू तैयार इस्पात की खपत 2023-24 में 13 प्रतिशत बढ़कर 13.6 करोड़ टन:स्टीलमिंट
घरेलू तैयार इस्पात की खपत 2023-24 में 13 प्रतिशत बढ़कर 13.6 करोड़ टन:स्टीलमिंट
वाओ मोमो ने वित्त पोषण के नवीनतम दौर में जी3 पार्टनर्स से जुटाए 70 करोड़ रुपये
भारतीय अर्थव्यवस्था के 2024 में 6.5 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान: यूएनसीटीएडी
नई दिल्ली,
घरेलू तैयार इस्पात की खपत 2023-24 में सालाना आधार पर 13 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 13.6 करोड़ टन हो गई है। अनुसंधान कंपनी स्टीलमिंट इंडिया ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि मोटर वाहन और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों की बढ़ती मांग से वृद्धि का बल मिला। वित्त वर्ष 2022-23 में देश में तैयार इस्पात की खपत 12 करोड़ टन (एमटी) थी।
स्टीलमिंट ने कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2023-24 में मोटर वाहन उद्योग की मांग में सुधार हुआ है। साथ ही इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) पर ध्यान दिया जा रहा है। बुनियादी ढांचे तथा निर्माण क्षेत्रों ने भी निवेश के साथ लचीलापन दिखाया है, जो ज्यादातर सरकार की वित्त पोषित विकास परियोजनाओं द्वारा समर्थित है।''
देश में कच्चे इस्पात का उत्पादन 12.6 प्रतिशत बढ़कर 14.3 करोड़ टन रहा। यह वित्त वर्ष 2022-23 में 12.7 करोड़ टन था।
यह विकास महत्वपूर्ण है क्योंकि राष्ट्रीय इस्पात नीति के तहत, सरकार का लक्ष्य 2030 तक भारत की वार्षिक इस्पात विनिर्माण क्षमता को 30 करोड़ टन और प्रति व्यक्ति इस्पात की खपत को 160 किलोग्राम तक बढ़ाना है।
वाओ मोमो ने वित्त पोषण के नवीनतम दौर में जी3 पार्टनर्स से जुटाए 70 करोड़ रुपये
नई दिल्ली
रेस्तरां श्रृंखला वाओ! मोमो ने बुधवार को कहा कि उसने वित्त पोषण के नवीनतम दौर में जी3 पार्टनर्स से 70 करोड़ रुपये जुटाए हैं।कंपनी के अनुसार, इस राशि का इस्तेमाल अपनी एफएमसीजी (दैनिक उपयोग की घरेलू वस्तुओं) शाखा के लिए वितरण आधार और अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) को मजबूत करने के अलावा वृद्धि तथा विस्तार को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा।
वाओ! मोमो के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सागर दरयानी ने कहा, ‘‘हम टिकाऊ वृद्धि पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। निवेशकों के इस दौर ने हम पर जो विश्वास दिखाया है वह हमारा मनोबल मजबूत करता है..''
जी3 पार्टनर्स के प्रबंध निदेशक ऋषि माहेश्वरी ने कहा, ‘‘वाओ! मोमो सही मायनों में देश में जीवंत उद्यमशीलता परिदृश्य का प्रतिबिंब है।''
भारतीय अर्थव्यवस्था के 2024 में 6.5 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान: यूएनसीटीएडी
संयुक्त राष्ट्र
भारत की अर्थव्यवस्था के 2024 में 6.5 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई।रिपोर्ट में कहा गया कि बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता लाने के लिए देश में अपनी विनिर्माण प्रक्रियाओं का विस्तार कर रही हैं, जिसका भारतीय निर्यात पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
संयुक्त राष्ट्र व्यापार व विकास (यूएनसीटीएडी) ने जारी अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत 2023 में 6.7 प्रतिशत की दर से बढ़ा और 2024 में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है। यह दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बनी रहेगी।
रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘2023 में विस्तार, मजबूत सार्वजनिक निवेश परिव्यय के साथ-साथ सेवा क्षेत्र की जीवंतता से प्रेरित रहा। इसे उपभोक्ता सेवाओं के लिए मजबूत स्थानीय मांग और देश की व्यावसायिक सेवाओं के निर्यात के लिए मजबूत बाहरी मांग से फायदा मिला।''
रिपोर्ट में बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा विनिर्माण आधार के रूप में भारत का अधिक रुख करने की बात पर भी ध्यान दिया गया क्योंकि वे अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता ला रहे है।
विश्व निकाय में पिछले हफ्ते पेश '2024 फाइनेंसिंग फॉर सस्टेनएबल डेवल्पमेंट रिपोर्ट: फाइनेंसिंग फॉर डेवल्पमेंट एट ए क्रोसरोड' में कहा गया था कि दक्षिण एशिया, खासकर भारत में निवेश मजबूत बना हुआ है।
इसमें प्रत्यक्ष रूप से बहुराष्ट्रीय कंपनियों की बढ़ती रुचि से भारत को फायदा मिल रहा है। चीन के संदर्भ में कहा गया कि वे विकसित अर्थव्यवस्थाओं की आपूर्ति श्रृंखला विविधीकरण रणनीतियों के संदर्भ में भारत को एक वैकल्पिक विनिर्माण आधार के रूप में देखते हैं।