Zomato ने अनिवार्य प्लेटफॉर्म शुल्क बढ़ाकर पांच रुपये किया
नई दिल्ली
ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो (Zomato) से अब खाना मंगाना महंगा पड़ेगा। जोमैटो ने अपने प्लेटफॉर्म फीस में 25 फीसदी की तगड़ी बढ़ोतरी कर दी है। हमारे सहयोगी ईटी के मुताबिक अब इस प्लेटफार्म से आर्डर देने पर आपको हर बार पांच रुपये का अतिरिक्त भुगतान करना होगा। इससे पहले यह चार रुपये प्रति ऑर्डर था।
लगतार हो रही है बढ़ोतरी
ज़ोमैटो ने पिछले साल अगस्त में ही प्लेटफार्म शुल्क लेना शुरु किया था। उस समय प्लेटफार्म फी के रूप में दो रुपये प्रति आर्डर लेना शुरू हुआ था। इसके बाद इसे बढ़ाकर तीन रुपये कर दिया था। नए साल की पूर्व संध्या पर रिकॉर्ड खाद्य ऑर्डरों से उत्साहित होकर उसने जनवरी में प्रमुख बाजारों में अपने अनिवार्य प्लेटफ़ॉर्म शुल्क को तीन रुपये प्रति ऑर्डर से बढ़ाकर चार रुपये कर दिया था।
किनको देनी पड़ती है फीस
जोमैटो ने जो प्लेटफार्म फीस लगाया है, वह डिलीवरी चार्जेस के अतिरिक्त होता है। हालांकि, जोमैटो गोल्ड के मेम्बर्स को डिलीवरी चार्ज नहीं होना पड़ता है। लेकिन उन्हें प्लेटफार्म फीस तो देना ही पड़ेगा। उल्लेखनीय है कि जोमैटो का ही क्विक-कॉमर्स प्लेटफार्म ब्लिंकिट भी हर आर्डर पर कम से कम 2 रुपये हैंडलिंग चार्ज के रूप में वसूलता है।
कंपनी को कितने आर्डर
फूड डिलीवरी प्लेटफार्म जोमैटो को हर रोज 20 से 22 लाख आर्डर मिलते हैं। अब जबकि प्लेटफार्म फीस में हर आर्डर पर एक रुपया की बढ़ोतरी करने से ही कंपनी को हर रोज 20 लाख रुपये तो मिल ही जाएंगे। इसे यदि एक तिमाही में जोड़ें तो यह अच्छी-खासी रकम बन जाएगी। बीते जनवरी में जब उसने इस फीस में प्रति आर्डर एक रुपया की बढ़ोतरी की थी तो इससे भी उसकी आमदनी बढ़ी थी।
स्विगी भी वसूलता है प्लेटफार्म फीस
जोमैटो का प्रमुख प्रतिद्वंद्वी स्विगी भी ग्राहकों से प्लेटफार्म फीस वसूलता है। उसका भी प्रति आर्डर प्लेटफार्म फीस 5 रुपये है।
पिछले हफ्ते ही मिला है जीएसटी का नोटिस
उल्लेखनीय है कि जोमैटो को पिछले हफ्ते ही 11.81 करोड़ रुपये की वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) मांग और जुर्माने का आदेश मिला। इसमें जुलाई 2017-मार्च 2021 की अवधि के लिए 5.9 करोड़ रुपये की जीएसटी मांग और 5.9 करोड़ रुपये का जुर्माना शामिल है।