चौधरी देवीलाल चौटाला की जयंती पर हरियाणा में विपक्ष का जमावड़ा
हिसार
नीतीश कुमार और केसीआर जैसे नेता बीते कुछ दिनों से विपक्षी एकता की कोशिशों में जुटे हैं। नीतीश कुमार ने दिल्ली तक दौरे किए हैं और केसीआर से भी पटना में मुलाकात की थी। इसके अलावा तेलंगाना के सीएम केसीआर भी कई बार मोदी सरकार को हराने का आह्वान कर चुके हैं। इस बीच हरियाणा में 25 सितबर को विपक्षी नेताओं का जमावड़ा होने जा रहा है, जिसे 2024 के आम चुनाव के लिए एकता की कोशिश से भी जोड़ा जा रहा है। पूर्व डिप्टी पीएम देवीलाल की जयंती पर यह एकता रैली होने जा रही है।
साल 2024 के लोकसभा चुनाव में विरोधी दलों को एकजुट कर एक मंच पर लाने की कोशिश की जा रही है. इसी कोशिश के तहत 25 सितंबर को हरियाणा के फतहाबाद में पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल चौटाला की जयंती के अवसर पर विपक्षी दलों का जमावड़ा लगने की संभावना है. इस अवसर पर आयोजित रैली में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भी शामिल होने की संभावना है.
25 सितंबर को रैली का आयोजन कर रहा है। इसमें कांग्रेस को छोड़कर विपक्षी दलों के कई नेताओं को न्योता भेजा गया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और विपक्ष के कई नेता 25 सितंबर को हरियाणा में इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) की रैली में शामिल होंगे। पार्टी के नेता अभय चौटाला ने मंगलवार को यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि इनेलो प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार, नेशनल कांफ्रेंस (NC) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के वरिष्ठ नेता प्रकाश सिंह बादल, समाजवादी पार्टी (SP) के अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनके पिता मुलायम सिंह यादव और मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक को रैली में शामिल होने का न्योता दिया है।
'BJP से तंग आ गए हैं लोग'
त्यागी ने कहा कि पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल की जयंती पर विपक्ष के कई नेता एक मंच पर जुटेंगे और यह अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक सुनहरा अवसर होगा। ओम प्रकाश चौटाला ने दावा किया लोग भारतीय जनता पार्टी (BJP) से तंग आ गये हैं और केंद्र में सत्तारूढ़ दल के खिलाफ देश में एक माहौल बन रहा है।
कांग्रेस का जिक्र तक नहीं कर रहे विपक्षी दल, क्या है प्लानिंग
बता दें कि कभी हरियाणा के सीएम रहे ओमप्रकाश चौटाला आज के दौर में अपनी सियासी विरासत को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इनेलो में दोफाड़ होने के बाद जजपा अस्तित्व में आई थी, जिसके नेता दुष्यंत चौटाला हैं। वह भाजपा के साथ बनी गठबंधन सरकार में डिप्टी सीएम हैं। लेकिन चौटाला फैमिली में विवाद के चलते इनेलो कमजोर हो गई है। गौरतलब है कि 2024 की चुनावी तैयारियों में कांग्रेस नेपथ्य में ही नजर आ रही है। विपक्षी दल एकता की बात तो कर रहे हैं, लेकिन अब तक कांग्रेस को इसमें शामिल करने की कोई बात नहीं की गई है।