November 25, 2024

पाकिस्तान ने मानवाधिकार प्रथाओं पर अमेरिकी रिपोर्ट को खारिज किया

0

पाकिस्तान ने मानवाधिकार प्रथाओं पर अमेरिकी रिपोर्ट को खारिज किया
हैती के प्रधानमंत्री एरियल हेनरी ने दिया इस्तीफा

नेपाल : ईंट भट्ठे में लोगों को जिन्दा जलाने के दोषी पूर्व मंत्री आफताब आलम को आजीवन कारावास

इस्लामाबाद
 पाकिस्तान ने पिछले साल देश में कथित मानवाधिकार उल्लंघनों पर अमेरिकी विदेश विभाग की एक रिपोर्ट को स्पष्ट तौर से खारिज कर दिया है और कहा है कि केवल राजनीति से प्रेरित रिपोर्ट ही गाजा में चिंताजनक स्थिति को नजरअंदाज कर सकती है।
मंत्रालय ने रात जारी एक बयान में कहा, “यह बेहद चिंताजनक है कि दुनिया भर में मानवाधिकार स्थितियों को उजागर करने वाली एक रिपोर्ट गाजा जैसे घोर मानवाधिकार उल्लंघन को नजरअंदाज करती है।”
बयान में कहा गया है, “मानवाधिकार प्रथाओं पर 2023 देश रिपोर्ट: पाकिस्तान' शीर्षक वाली रिपोर्ट की अनुचित सामग्री और गलत जानकारी पर आधारित है तथा जमीनी हकीकत से परे है।

इसमें कहा गया है कि इस साल की रिपोर्ट एक बार फिर निष्पक्षता की कमी और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार एजेंडे के राजनीतिकरण के कारण स्पष्ट है।
मंत्रालय के अनुसार, “यह स्पष्ट रूप से दोहरे मानकों को प्रदर्शित करता है और इस प्रकार अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार प्रवचन को कमजोर करता है।”
गौरतलब है कि अमेरिका द्वारा जारी रिपोर्ट में पाकिस्तान के हालातों की पोल खुल गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में मानवाधिकारों की दुर्गति हो रही है, जिनमें हत्याएं, अपहरण और मनमाने ढंग से हिरासत में रखने सहित अन्य मुद्दे शामिल हैं। पाकिस्तानी सरकार हालांकि ऐसे दुर्व्यवहार करने वाले अधिकारियों के खिलाफ शायद ही कभी कार्रवाई करे।
रिपोर्ट में चीन की भी पोल खोली गयी है जिसमें बताया गया है कि चीन सरकार ने 2017 से 2023 तक दस लाख से अधिक उइगर सहित अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यकों के सदस्यों को मनमाने ढंग से गिरफ्तार और हिरासत में लिया है।

 

हैती के प्रधानमंत्री एरियल हेनरी ने दिया इस्तीफा

मेक्सिको सिटी
 कैरेबियाई देश
हैती के प्रधानमंत्री एरियल हेनरी ने इस्तीफा दे दिया, जिससे देश में नई सरकार का मार्ग प्रशस्त हो गया है। स्थानीय मीडिया ने  यह जानकारी दी।
जब तक देश में नया प्रधानमंत्री नहीं नियुक्त किया जाता यह पद अस्थायी रूप से अर्थव्यवस्था और वित्त मंत्री मिशेल पैट्रिक बोइसवर्ट के पास रहेगा।
हैती की राष्ट्रपति संक्रमणकालीन परिषद (सीपीटी) को भी कल औपचारिक रूप से स्थापित किया गया है। जिस पर देश में व्यवस्था बहाल करने का भार है। सीपीटी के नौ सदस्यों की नियुक्ति हैती में संवैधानिक व्यवस्था बहाल करने की उम्मीद के साथ हुई है, जो सामूहिक हिंसा के कारण गंभीर राजनीतिक और सामाजिक संकट में फंस गया है।
हेनरी ने सीपीटी के गठन के तुरंत बाद तत्कालीन राष्ट्रपति जोवेनेल मोइज़ की हत्या के पश्चात 2021 में पद से औपचारिक रूप से इस्तीफा देने का वादा किया था।
प्रधानमंत्री ने कार्यालय से 24 अप्रैल को लिखे पत्र और सोशल मीडिया पर गुरुवार को एक पोस्ट पर अपने इस्तीफे की औपचारिक रूप से घोषणा की थी। उन्होंने सरकार के सभी सदस्यों, सहयोगियों, सार्वजनिक प्रशासन, सुरक्षा बलों और उन सभी को धन्यवाद दिया जिन्होंने उनके कार्यकाल के दौरान साथ में काम किया था।
हाल के वर्षों में हिंसा के कारण हैती के लोगों के ‘नुकसान और पीड़ा’ को स्वीकार करते हुए हेनरी ने कहा, “मैं उन सभी को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने मेरे साथ इन चुनौतियों का सामना करने का साहस दिखाया है।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं ईमानदारी, बुद्धिमत्ता और सम्मान के साथ देश की सेवा करने का अवसर देने के लिए हैती की जनता को धन्यवाद देता हूं।”

नेपाल : ईंट भट्ठे में लोगों को जिन्दा जलाने के दोषी पूर्व मंत्री आफताब आलम को आजीवन कारावास

काठमांडू
 नेपाली कांग्रेस के
पूर्व सांसद एवं पूर्व मंत्री रहे आफताब आलम को रौतहट जिला अदालत से आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। घटना के 16 साल बाद सजा की घोषणा हुई है।

रौतहट जिले के बाहुबली नेता और नेपाल सरकार में श्रम मंत्री रहे आफताब आलम को पहले संविधान सभा चुनाव के दौरान कई लोगों को जिन्दा भट्ठी में झोंकने के मामले में दोषी पाया गया है। साल 2008 में हुए पहले संविधान सभा के दौरान रौतहट से नेपाली कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे आलम ने बूथ कब्जा कर चुनाव जीतने के लिए सीमावर्ती बिहार के कुछ अपराधियों को बुलाकर उनसे बम बनवा रहा था। बम बनाने के दौरान उसके घर में धमाका हो गया और बम बनाने वाले सभी बुरी तरह घायल हो गए। घटना को छिपाने के लिए सभी घायलों का इलाज कराने की बजाय उन सभी को अपने ईंट भट्ठे में ले जाकर जिन्दा झोंक कर उनकी हत्या कर दी थी।

मरने वालों में दो ही नेपाली नागरिक थे। बाकी सभी बिहार के रहने वाले थे। लापता नेपाली लोगों के घर वालों की शिकायत के बाद पुलिस ने घटना के 12 साल के बाद आफताब आलम को गिरफ्तार किया था। उसके बाद से वह लगातार जेल में है। आलम की गिरफ्तारी के चार साल सुनवाई के बाद जिला अदालत से मामले का फैसला आया है।

रौतहट जिला के न्यायाधीश मातृका प्रसाद आचार्य ने इस मामले में आफताब आलम समेत चार लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सजा पाने वालों में आफताब आलम का भाई महताब आलम, शेख सराज और बद्री सहनी है। सहनी उस ईंट भट्ठे का मुंशी रह चुका है। इस मामले में आफताब के परिवार के 6 लोग अभी भी फरार बताए जा रहे हैं।

अदालत ने कहा कि जब भी उनलोगों की गिरफ्तारी होगी उसी समय से मुकदमे की सजा सुनाई जाएगी। अदालत के फैसले में ईंट भट्ठे में मारे गए दो नेपाली नागरिक त्रिलोक प्रताप सिंह और ओसी अख्तर मियां के मामले में सजा की बात उल्लेख है। इस क्रम में मारे गए करीब आधा दर्जन अन्य लोग जो बिहार के थे, उनकी तरफ से अब तक न तो पुलिस में शिकायत दर्ज की गई है न ही मुकदमे के लिए अनुरोध किया गया है। इसलिए उस पर अदालत ने फिलहाल कुछ नहीं कहा है। इस घटना के बाद भी आफताब आलम दो बार सांसद और एक बार मंत्री बन चुका है।

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *