मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी के तीन प्रत्याशी पहली बार लड़ेंगे लोकसभा चुनाव
पटना.
‘सन ऑफ मल्लाह’ के नाम से मशहूर मुकेश सहनी की पार्टी विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के टिकट पर तीन प्रत्याशी पहली बार लोकसभा के चुनावी रण में उतरने जा रहे हैं। बॉलीवुड छोड़कर राजनीति में आए मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी को वर्ष 2019 में महागठबंधन में सीटों के तालमेल के तहत तीन सीट खगड़िया, मधुबनी और मुजफ्फरपुर मिली थी। सभी सीटों पर वीआईपी के प्रत्याशियों को पराजय का सामना करना पड़ा था। सहनी ने खगड़िया संसदीय सीट से अपनी किस्मत आजमायी थी लेकिन उन्हें लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) उम्मीदवार चौधरी महबूब अली कैसर से मात मिली।
इस बार के चुनाव में वीआईपी को इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया गठबंधन) में सीटों में तालमेल के तहत तीन सीट मिली है। जिन तीन सीटों पर वीआईपी वर्ष 2019 में लड़ी थी वह तीन सीटें उन्हें इस चुनाव में नही मिली है। वीआईपी को गोपालगंज (सु), झंझारपुर और पूर्वी चंपारण सीटें दी गई है। इंडिया गठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को इस बार के चुनाव में सीटों के तालमेल के तहत 26 सीट मिली थी। राजद ने अपने कोटे से तीन सीट वीआईपी को दी है। वीआईपी सुप्रीमो सहनी इस बार लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ रहे हैं।
इस बार के चुनाव में गोपालगंज (सु), झंझारपुर और पूर्वी चंपारण से वीआईपी के सभी तीन प्रत्याशी पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ने जा रहे हैं। गोपालगंज (सु) से पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे प्रेमनाथ चंचल उर्फ चंचल पासवान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अनुसूचित जाति मोर्चा जिलाध्यक्ष ई. सुदामा मांझी के पुत्र हैं। प्रेमनाथ चंचल ने जेपी विश्वविद्यालय छपरा से रसायन विज्ञान से एमएससी की डिग्री हासिल की है। वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से बचपन से ही जुड़े रहे हैं। वह पेशे से गैस एजेंसी के मालिक हैं।
झंझारपुर लोकसभा क्षेत्र से वीआईपी के टिकट पर पहली बार लोकसभा के रण में उतरे सुमन कुमार उर्फ सुमन कुमार महासेठ इससे पूर्व वर्ष 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान मधुबनी विधानसभा सीट से वीआईपी के प्रत्याशी रह चुके हैं, तब, उन्हें राष्ट्रीय जनता दल (राजद) उम्मीदवार समीर कुमार महासेठ ने हराया था।
पूर्वी चंपारण से वीआईपी के टिकट पर पहली बार लोकसभा के रण में उतरे राजेश कुशवाहा पेशे से एक डॉक्टर हैं। कुश्वाहा वर्ष 2015 में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के टिकट पर केसरिया के विधायक बने थे। उन्होंने इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता को पराजित किया था। वर्ष 2020 में कुश्वाहा ने केसरिया सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा। इस चुनाव में जनता दल यूनाईटेड (जदयू) की शालिनी मिश्रा ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रत्याशी संतोष कुश्वाहा को पराजित किया। राजेश कुश्वाहा इस चुनाव में पांचवे नंबर पर रहे।