गाजा में फिलीस्तीनियों की मौत का आंकड़ा बढ़कर 34,535 हुआ
गाजा में फिलीस्तीनियों की मौत का आंकड़ा बढ़कर 34,535 हुआ
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख गुटेरेस ने राफा में इजरायली घुसपैठ को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय दबाव की अपील की
गाजा समझौते के लिए बड़ी रियायतें देने को तैयार है इजरायल : रिपोर्ट
गाजा,
हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि गाजा पट्टी में हो रहे इजरायली हमलों में मरने वाले फिलिस्तीनियों की संख्या बढ़कर 34,535 हो गई है।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, बीते 24 घंटों के दौरान इजरायली सेना ने 47 फिलिस्तीनियों को मार डाला और 61 अन्य घायल हुए हैं। इजरायल-हमास युद्ध शुरू होने के बाद से मरने वालों की कुल संख्या 34,535 हो गई और घायलों की संख्या 77,704 है।
जारी एक बयान के अनुसार, भारी बमबारी और बचाव दल की कमी के बीच कुछ पीड़ित मलबे में दबे हुए मिले।
इजरायली पब्लिक रेडियो के अनुसार, इजरायली सेना ने गाजा में सुरंग प्रवेश द्वार और एक मिसाइल लॉन्च प्लेटफॉर्म सहित 24 लक्ष्यों पर हमला करने की सूचना दी।
गाजा में नागरिक सुरक्षा महानिदेशालय ने अनुमान लगाया कि गाजा पट्टी में ध्वस्त इमारतों के मलबे के नीचे कुल मिलाकर 10 हजार से ज्यादा लोग अभी भी लापता हैं।
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख गुटेरेस ने राफा में इजरायली घुसपैठ को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय दबाव की अपील की
संयुक्त राष्ट्र,
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू राफा में सेना भेजने के अपने दृढ़ संकल्प पर दृढ़ता से खड़े हैं, उधर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने उस क्षेत्र पर हमले को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय दबाव की अपील की, जहां 12 लाख से अधिक फिलिस्तीनी शरण लिए हुए हैं।
गुटेरेस ने कहा, "मैं इजरायल पर प्रभाव रखने वाले सभी लोगों से इसे रोकने के लिए अपनी शक्ति में सब कुछ करने की अपील करता हूं।"
उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "राफा पर सैन्य हमला असहनीय है, जिसमें हजारों नागरिक मारे जाएंगे और हजारों लोगों को भागने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। वह क्षेत्र जहां 12 लाख से अधिक लोग अब राफा गवर्नरेट में शरण मांग रहे हैं, उनमें से अधिकांश इजरायली बमबारी के कारण भाग रहे हैं। कथित तौर पर 34,000 से अधिक लोग मारे गए हैं।"
इस बीच, नेतन्याहू ने कहा : "हम राफा में प्रवेश करेंगे और हम पूरी जीत हासिल करने के लिए समझौते के साथ या उसके बिना, हमास की बटालियनों को खत्म कर देंगे।"
यह बयान अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की इजरायल यात्रा से पहले आया है, जहां उनसे राफा पर हमले के कारण राष्ट्रपति जो बाइडेन के विरोध को बुलंद करने की उम्मीद है।
गुटेरेस ने चेतावनी दी कि राफा में घुसपैठ से "कब्जे वाले वेस्ट बैंक और व्यापक क्षेत्र पर गंभीर असर होगा।"
अमेरिका और उसके सहयोगी इजरायल और हमास को एक समझौते पर लाने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे युद्धविराम हो सके और अक्टूबर में इजरायल पर हमले में आतंकवादी संगठन द्वारा अपहरण किए गए कुछ बंधकों को रिहा किया जा सके।
गाजा समझौते के लिए बड़ी रियायतें देने को तैयार है इजरायल : रिपोर्ट
काहिरा/तेल अवीव
गाजा युद्ध में संघर्ष विराम पर काहिरा में चल रही वार्ता के दौरान फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास द्वारा पेश एक समझौते के प्रस्ताव के बारे में विवरण सामने आया है।
वॉल स्ट्रीट जर्नल ने मिस्र के अधिकारियों का हवाला देते हुए बताया, "जिस प्रस्ताव को तैयार करने में इजरायल शामिल था, उसे अभी तक मंजूरी नहीं दी गई है। प्रस्ताव में दो चरणों की परिकल्पना की गई है।"
पहले चरण में फिलिस्तीनी कैदियों के बदले में तीन हफ्ते के भीतर कम से कम 20 बंधकों की रिहाई शामिल होगी।
टाइम्स ऑफ इजरायल अखबार ने एक इजरायली अधिकारी के हवाले से कहा, "इजरायल किसी समझौते पर पहुंचने के लिए लचीलापन दिखाने में आगे बढ़ गया है। उदाहरण के लिए, पहले चरण में हमास द्वारा रिहा किये जाने वाले बंधकों की संख्या कम कर दी गई है।
इजरायल उन फिलिस्तीनियों की संभावना के लिए भी खुला है जो गाजा पट्टी के दक्षिण में लड़ाई से भाग गए थे और इजरायली सुरक्षा जांच के बिना उत्तर में लौट आए।
इजरायली अखबार के अनुसार, वर्तमान में जिन विकल्पों पर विचार किया जा रहा है, उनमें से एक विकल्प यह है कि मिस्र सुरक्षा जांच अपने हाथ में ले। इजरायली सरकार हमास से लेटेस्ट प्रस्ताव पर बुधवार शाम को प्रतिक्रिया की उम्मीद कर रही है।
वॉल स्ट्रीट जर्नल ने इजरायली और मिस्र के अधिकारियों के हवाले से कहा कि इजरायल आने वाले दिनों में काहिरा में अप्रत्यक्ष वार्ता के लिए एक प्रतिनिधिमंडल भेजने के लिए तैयार है।
इजरायल लेटेस्ट प्रस्ताव को आखिरी मौका के रूप में देख रहा है। इजरायली मीडिया ने हाल ही में वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से कहा कि अगर हमास के साथ जल्द ही समझौता नहीं हुआ, तो दक्षिणी गाजा के रफा शहर में जमीनी आक्रमण शुरू हो जाएगा।
एक अधिकारी ने वॉल स्ट्रीट जर्नल को बताया कि रफा में हमले की तैयारी जारी है।
इजरायली पीएम ने हमास के साथ 'समझौते या उसके बिना' राफा पर जमीनी हमले की कसम खाई
यरूशलम,
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास के साथ समझौते के साथ या उसके बिना, राफा पर जमीनी हमला करने की कसम खाई।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने बंधकों के परिवारों के साथ एक बैठक में कहा कि इजरायल ने राफा से फिलिस्तीनी नागरिकों को निकालना शुरू कर दिया है।
उन्होंने कहा, "हम राफा में प्रवेश करेंगे और पूरी जीत हासिल करने के लिए समझौते के साथ या उसके बिना, वहां हमास की बटालियनों को खत्म कर देंगे।"
इज़रायल राफा को फिलिस्तीनी क्षेत्र में हमास का आखिरी प्रमुख गढ़ मानता है। राफा गाजा का सबसे दक्षिणी शहर है, जहां करीब 12 लाख फिलिस्तीनी शरण मांग रहे हैं।
गाजा युद्धविराम समझौते को आगे बढ़ाने एंटनी ब्लिंकन इजरायल पहुंचे
तेल अवीव
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन इजरायल पहुंचे। यहां पर वह गाजा युद्धविराम समझौते को आगे बढ़ाने के लिए बुधवार को देश के राष्ट्रपति इसहाक हर्जोग और प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात करेंगे।
7 अक्टूबर 2023 को हमास और इजरायल के बीच युद्ध छिड़ने के बाद से एंटनी ब्लिंकन की यह सातवीं यात्रा है। इजरायल के प्रधानमंत्री के कार्यालय ने रात एक बयान में कहा कि इसहाक हर्जोग के साथ बैठक तेल अवीव में होगी, जबकि ब्लिंकन नेतन्याहू के साथ यरूशलम में उनके कार्यालय में बातचीत करेंगे।
वह इजरायल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार तजाची हानेग्बी से भी मुलाकात करेंगे। ब्लिंकन बंधकों के परिवारों से भी मुलाकात करेंगे।
शीर्ष अमेरिकी राजनयिक सोमवार को मध्य पूर्व पहुंचे थे और क्षेत्र में शांति के संबंध में जॉर्डन और सऊदी अधिकारियों के साथ बातचीत की थी।
इजरायल ने इजरायली जेलों में बंद लगभग 600 फिलिस्तीनी कैदियों के बदले में हमास की हिरासत में अपने 33 बंधकों (महिलाओं, बुजुर्गों और बीमारियों से पीड़ित) को रिहा करने के मध्यस्थों के सुझाव पर सहमति व्यक्त की है। जेलों में बंद इन फिलिस्तीनियों में से कई हत्या के मामलों में आरोपी हैं।
ब्लिंकन ने पहले घोषणा की थी कि वह मध्य पूर्व की अपनी वर्तमान यात्रा के दौरान इजरायल नहीं पहुंचेंगे, लेकिन इजरायल के प्रधानमंत्री कार्यालय के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि हमास और इजरायल के बीच काहिरा में होने वाली अप्रत्यक्ष मध्यस्थता वार्ता में कुछ अड़चनें थीं।