November 25, 2024

गणेश विसर्जन पर भुल कर भी न करे ये भूल ,जाने सही विधि

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गणपति का विसर्जन अनंत चतुर्दशी के दिन किया जाता है. गणेश विसर्जन पर बाप्पा की विदाई का दृश्य बड़ा मनोरम होता है. गणपति को  विदा करने के लिए उनके भक्त भक्ति रस में सराबोर होकर नाचते, गाते और झूमते हैं. श्री गणेश जी को विदाई देते वक्त सच्चे मन से मांगी गई मुराद हर हाल में पूरी होती है. इस साल अनंत चतुर्दशी यानी गणेश विसर्जन आज शुक्रवार 09 सितंबर को है. आज 9 दिनों से विराजे भगवान गणेश का विसर्जन भी होगा. गणेश विसर्जन का क्या महत्व है और क्या विधि है? इस बारे में जान लीजिए.

गणेश विसर्जन की महिमा

भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से गणेशोत्सव की शुरुआत होती है. भगवान गणेश की उपासना चतुर्दशी तिथि तक होती है. श्री गणेश प्रतिमा की स्थापना चतुर्थी तिथि को की जाती है और विसर्जन चतुर्दशी को किया जाता है. ये नौ दिन गणेश नवरात्रि कहे जाते हैं. ऐसी मान्यता है कि प्रतिमा का विसर्जन करने से भगवान पुनः कैलाश पर्वत पर पहुंच जाते हैं. इस दिन अनंत शुभ फल प्राप्त किए जा सकते हैं, इसीलिए इसे अनंत चतुर्दशी कहते हैं. इस दिन कुछ विशेष उपाय करके जीवन की समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है.

जिस तरह पूरे विधि-विधान के साथ भगवान गणेश की स्थापना की जाती है, ठीक उसी तरह पूरे विधि-विधान से उनका विसर्जन भी किया जाता है. इस दौरान भगवान से अगले वर्ष आने की कामना भी करते हैं. आइए आपको बताते हैं कि गणपति विसर्जन में वो कौन कौन सी बातें हैं, जिन पर विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत होती है.

गणपति विसर्जन की विधि

अनंत चतुर्दशी के दिन सुबह से उपवास रखना जरूरी है. उपवास ना रख पाएं तो फलाहार करें. घर में स्थापित प्रतिमा का विधिवत पूजन करें. पूजा में नारियल, शमी पत्र और दूब जरूर अर्पित करें. प्रतिमा को विसर्जन के लिए ले जाएं. मूर्ति छोटी हो तो गोद या सिर पर रखें. प्रतिमा को ले जाते समय भगवान गणेश को समर्पित अक्षत घर में जरूर बिखेर दें.

ये गलतियां ना करें
अपने पास चमड़े की बेल्ट, घड़ी या पर्स ना रखें. नंगे पैर ही मूर्ति को ले जाएं और विसर्जन करें. प्लास्टिक की मूर्ति या चित्र ना स्थापित करें और ना ही विसर्जन करें. विसर्जन के लिए मिट्टी की प्रतिमा सर्वश्रेष्ठ है. विसर्जन के बाद हाथ जोड़कर श्री गणेश से कल्याण और मंगलमयी जीवन की कामना करें.

ज्योतिषी कहते हैं कि गणेश जी की प्रतिमा को विसर्जित करते वक्त अगर इन प्रयोगों को किया जाए तो गणपति बहुत प्रसन्न होते हैं. अनंत चतुर्दशी के व्रत से हर समस्या और कष्ट दूर हो जाते हैं. विर्सजन से जुड़े विशेष उपाय और अनंत चतुर्दशी पर किए प्रयोग से आपको गजानन की कृपा मिल सकती है.

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