राष्ट्रपति मुर्मु ने टीबी मुक्त भारत अभियान का किया वर्चुअल उद्घाटन
रायपुर
आज नई दिल्ली में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने टी.बी. मुक्त भारत अभियान का वर्चुअल उद्घाटन किया। कार्यक्रम में राज्यपाल के सचिव अमृत खलखो वर्चुअल रूप से शामिल हुए। इस अभियान को 2025 तक देश से टी.बी. के पूर्ण रूप से उन्मूलन के उद्देश्य से प्रारंभ किया गया है।
अभियान के शुभारंभ के अवसर पर श्रीमती मुर्मु ने देश की जनता को संबोधित करते हुए कहा कि टी.बी. के पूर्ण उन्मूलन के लिए जनभागीदारी आवश्यक है। इसके लिए उन्होंने नागरिकों से इस अभियान में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया है। इस अवसर पर श्रीमती मुर्मु ने देश के स्वास्थ्यकर्मियों, सामुदायिक लीडरों एवं नागरिकों की प्रशंसा करते हुए कहा कि जिस तरह सभी ने मिलकर कोविड-19 का मुकाबला किया उसी तरह टी.बी. के उन्मूलन के लिए भी सभी को साथ आना होगा। उन्होंने टी.बी. के उन्मूलन के लिए जनजागरूकता को आवश्यक बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि टी.बी. के इस कलंक को हटाने के लिए इस बीमारी से सामूहिक लड़ाई की आवश्यकता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि टी.बी के उन्मूलन के लिए जनआंदोलन आवश्यक है। तभी हम इसे 2025 तक इसके उन्मूलन के लक्ष्य को पूरा कर पायेंगे।
प्रधानमंत्री टी.बी. मुक्त भारत अभियान की परिकल्पना टी.बी. के उन्मूलन के लिए जनभागीदारी इसका अहम हिस्सा बनाने के लिए की गई है। इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सतत् विकास लक्ष्य के 2030 की तुलना में 5 वर्ष पहले 2025 तक टी.बी. के उन्मूलन के लक्ष्य के साथ प्रारंभ किया गया है। इस अभियान में टी.बी. रोगियों को किसी व्यक्ति, किसी प्रतिनिधियों या किसी संस्थानों द्वारा गोद लेने का प्रावधान किया गया है, जिसके लिए राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु द्वारा नी-क्षय 2.0 पोर्टल की शुरूआत भी की गई है। इस पोर्टल के माध्यम से सहायता देने वाले, जिन्हें नि-क्षय मित्र कहा जायेगा, अपना रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। यह सहायता प्रदान करने वालों के लिए एक मंच प्रदान करता है। इसके जरिए नि-क्षय मित्रों के लिए पोषण, अतिरिक्त निदान एवं पेशेवर सहायता के रूप में तीन आयामी सहायता की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
यह अभियान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया की उपस्थिति एवं केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार, केंद्रीय मंत्रियों, राज्यपालों, उपराज्यपालों, सांसदों, विधायकों, विश्वविद्यालय के कुलपतियों, जिला स्वास्थ्य प्रशासन, कापोर्रेट्स, उद्योग, नागरिक समाज और गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों के वर्चुअल उपस्थिति में प्रारंभ किया गया।