ड्रग्स तस्करों के टारगेट थे इंदौर-भोपाल, पुलिस ने फिल्मी अंदाज में नोट दिखाकर सप्लायर्स को पकड़ा
भोपाल
मध्य प्रदेश की ग्वालियर पुलिस ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि अगर ग्वालियर में ड्रग्स तस्कर अपनी योजना सफल हो जाते तो, इसके बाद वे इंदौर भोपाल को भी टारगेट बनाते। जांच में पता चला है कि गिरोह ने मध्य प्रदेश के बड़े शहरों में नशे का जाल बिछाने के लिए बड़ी योजनाएं बनाई थी। जिससे बड़े शहरों में रहने वाले हाई-फाई परिवारों से जुड़े युवा नशे में डूब जाएं। बता दे क्राइम ब्रांच ने ग्वालियर पुलिस के साथ मिलकर इस मामले में गिरोह को पकड़ने के लिए कस्टमर बनकर संपर्क किया था। इसके लिए पुलिस ने गिरोह के सदस्यों को वीडियो कॉल कर ऑनलाइन नोटों से भरा सूटकेस भी दिखाया था। बता दे क्राइम ब्रांच और ग्वालियर पुलिस ने मिलकर 7 ड्रग्स तस्करों को गिरफ्तार किया। जिनके पास से ₹36 लाख MDMA ड्रग्स बरामद की गई थी।
36 लाख रुपए की 720 ग्राम MDMA बरामद
क्राइम क्राइम ने ग्वालियर पुलिस के साथ मिलकर 7 ड्रग्स तस्करों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने इनके पास से 36 लाख रुपए की 720 ग्राम एमडीएमए( मेथामफेटामाइन) बरामद की। इसके अलावा पुलिस ने तस्करों के पास से दो कट्ठे कारतूस और बाइक भी बरामद की। प्रारंभिक जांच में सामने आया था कि झांसी का रहने वाला मास्टरमाइंड मनीष मिश्रा अपनी गर्लफ्रेंड के साथ मिलकर यह गिरोह चला रहा था। गैंग के तार उत्तर प्रदेश के झांसी जालौन और बाहर के राज्यों से भी जुड़े थे। तस्करों की मंशा शहर में संचालित पब, क्लब, बार और होटलों में ड्रग्स सप्लाई करने की थी। जिससे युवाओं को नशे का आदि बना सकें। और इसके बाद इन युवाओं को पेडलर बनाकर ग्वालियर में डिलीवरी प्वाइंट बना सकें।