September 26, 2024

आजमगढ़ में धर्मेंद्र यादव के खिलाफ रोडशो करेंगी अपर्णा यादव

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आजमगढ़

मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) की छोटी बहू और बीजेपी नेता अपर्णा यादव (Aparna Yadav) ने अपने जेठ अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के खिलाफ कन्नौज और जेठानी डिंपल यादव (Dimple Yadav) के खिलाफ मैनपुरी में भले ही चुनाव प्रचार न किया हो, लेकिन अब वो आजमगढ़ में अपने दूसरे जेठ धर्मेंद्र यादव (Dharmendra Yadav) के खिलाफ चुनाव प्रचार करेंगी. अपर्णा बीजेपी प्रत्याशी दिनेश लाल यादव निरहुआ (Dinesh Lal Yadav Nirahua) के समर्थन में 23 मई को आजमगढ़ में रोडशो करेंगी.  

इस बार समाजवादी पार्टी की ओर से मुलायम परिवार के पांच सदस्य चुनाव लड़ रहे हैं. सपा मुखिया अखिलेश यादव खुद अपनी पुरानी सीट कन्नौज, मैनपुरी से डिंपल यादव, फिरोजाबाद से अक्षय यादव, बदायूं से शिवपाल यादव के बेटे आदित्य और आजमगढ़ से धर्मेंद्र यादव चुनाव लड़ रहे हैं. अपर्णा यादव ने कन्नौज, मैनपुरी, फिरोजाबाद और बदायूं में अपने परिवार के लोगों के खिलाफ प्रचार नहीं किया था, लेकिन अब वो आजमगढ़ में धर्मेंद्र यादव के खिलाफ प्रचार करती हुए दिखाई देंगी. यहां दिनेश लाल यादव निरहुआ के समर्थन में 23 मई को उनका रोडशो होगा.

बता दें कि आजमगढ़ सीट पर 2019 के चुनावों में अखिलेश यादव ने जीत हासिल की थी. अखिलेश ने बीजेपी प्रत्याशी दिनेश लाल यादव निरहुआ को हराया था, लेकिन विधानसभा चुनाव में मैनपुरी की करहल सीट से जीत हासिल करने के बाद उन्होंने आजमगढ़ सीट को छोड़ दिया था. उसके बाद हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी की ओर से धर्मेंद्र यादव को टिकट दिया, लेकिन वो दिनेश लाल यादव से चुनाव हार गए. अब एक बार फिर इन ये दोनों प्रत्याशी आमने-सामने हैं.

डिंपल के खिलाफ मैदान में उतरने की थीं अटकलें  

इससे पहले चर्चा थी कि बीजेपी अपर्णा को डिंपल यादव के खिलाफ मैनपुरी से चुनाव लड़वा सकती है. हालांकि इन अटकलों पर खुद अपर्णा ने सामने आकर विराम लगा दिया था. उन्होंने कह दिया था कि वो अपने परिवार का सम्मान करती हैं. हालांकि उन्होंने अमेठी और रायबरेली में गांधी परिवार के सामने चुनाव लड़ने को लेकर तस्वीर साफ नहीं की थी, जिसके बाद कहा जाने लगा कि हो सकता है कि अपर्णा रायबरेली या अमेठी सीट से चुनाव में उतरें, लेकिन बीजेपी ने रायबरेली से गांधी परिवार के करीबी रहे दिनेश प्रताप सिंह को उतारा, जबकि अमेठी से मैदान केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ही थीं.

 

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