15-20 नहीं… 2 हजार से अधिक राजनीतिक दल रजिस्टर्ड, कई तो कभी चुनाव ही नहीं लड़े; हरकरत में आया EC
नई दिल्ली
क्या आप जानते हैं, देश में कितनी राजनीतिक पार्टियां हैं। दिमाग पर बहुत जोर डालने पर भी आप 20 से ज्यादा गिन नहीं पाएंगे। आपको जानकर हैरानी होगी कि चुनाव आयोग 2,174 पंजीकृत गैरमान्यता प्राप्त दलों पर इस मामले में कार्रवाई करने जा रहा है। आयोग ने इन दलों की जांच करने के लिए सीबीडीटी से आग्रह किया है। आयोग की ये कार्रवाई इन दलों की ओर से अपने दानदाताओं की सूची आयोग में जमा नहीं कराने के कारण की जा रही है। आयोग ने बताया कि 2,174 पंजीकृत गैरमान्यता प्राप्त दलों के खिलाफ कार्रवाई के लिए राजस्व विभाग को तब लिखा गया, जब इन दलों को लगभग 1,000 करोड़ रुपये का चंदा मिलने का मामला सामने आया।
दलों ने चंदे का ब्योरा नहीं भेजा
आयोग ने यह कार्रवाई जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 29 ए और सी के तहत की है। धारा 29 सी के तहत गैरमान्यता प्राप्त पार्टी के लिए यह अनिवार्य है कि वह उसे मिले चंदे का ब्योरा चुनाव संचालन नियम, 1961 के नियम 59 बी के तहत आयोग में पेश करे। इस चंदे को आयकर से 100 फीसदी छूट प्राप्त होती है, लेकिन यह छूट तभी हासिल होती है जब दल उसका ऑडिटेड ब्योरा आयोग को भेजें। इन दलों ने अगर 30 दिन के अंदर आयोग को ब्योरा नहीं दिया तो उन्हें भविष्य के चुनावों के लिए चुनाव चिन्ह नहीं दिया जाएगा।
इससे पहले निर्वाचन आयोग 198 गैर मान्यताप्राप्त राजनैतिक दलों के खिलाफ कार्रवाई कर उन्हें डीलिस्ट कर चुका है। डीलिस्ट किए गए दल, वे दल हैं जो जमीन पर मौजूद नहीं थे और एक बार पंजीकृत होने के बाद वे गायब हो गए। इसके अलावा ऐसे 111 दल और हैं, जो अस्तित्व विहीन हैं। जिन्हें आयोग की ओर से डीलिस्ट किया गया है।
कई दल तो कभी चुनाव ही नहीं लड़े
आयोग ने इन दलों से यह भी पूछा था कि उन्होंने अब तक कोई चुनाव क्यों नहीं लड़ा है, लेकिन इन दलों ने इसका जवाब भी नहीं दिया है। आयोग में इस समय लगभग 2,800 दल पंजीकृत हैं। लेकिन सिर्फ 60 दल ही हैं, जो मान्यता प्राप्त हैं और गंभीरता से चुनाव लड़ते हैं। इनमें छह दलों में भाजपा, कांग्रेस, एनसीपी, टीएमसी, बसपा और सीपीएम को राष्ट्रीय मान्यता हासिल है। 2019 के लोकसभा चुनावों में 623 दलों ने ही चुनाव लड़ा था।