दौसा में अजन्मी बच्ची की 6 महीने बाद रिकॉर्डों में मौत, कागजों में पैदा हुई बच्ची के माता-पिता बेखबर
दौसा.
दौसा जिले के एक अस्पताल में ऐसा रोचक मामला सामने आया है, जिसमें एक अजन्मे बच्चे ने न केवल जन्म लेकर रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया बल्कि 6 महीने तक जिंदा रहकर टीकाकरण के साथ-साथ अपना हेल्थ चेकअप भी करवाया। इस अजन्मे बच्चे के पिता को जब पूरे मामले की जानकारी मिली तो आगे की परेशानी से बचने के लिए 6 महीने के इस अजन्मे की मौत का रिकॉर्ड तैयार कर लिया गया।
मामले के अनुसार यहां एक अस्पताल में सहायक नर्स और दाई ने एक प्रसव का पंजीकरण करते हुए एक गर्ल चाइल्ड का जन्म होना बताया। सिर्फ इतना ही नहीं इस अजन्मी बच्ची को स्वस्थ रखने के लिए लगातार 6 महीने तक टीकाकरण भी दिया गया, जो सीधा-सीधा सरकारी रिकॉर्ड के साथ धोखाधड़ी का मामला है। इस अजन्मी बच्ची के पिता कमल ने मामले की जानकारी ब्लॉक चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी भोलाराम गुर्जर को देते हुए कहा कि उसका केवल एक ही बच्चा है, इसके अलावा उसकी कोई और संतान नहीं है। सरकारी डाटा संग्रह अभियान के तहत दूसरा बच्चा रजिस्टर्ड भी किया गया था और उसका डाटा ऑनलाइन भी अपलोड किया गया था।
इस मामले पर सिकराय बीसीएमओ भोलाराम गुर्जर ने बताया कि यह शिकायत अजन्मी बच्ची के पिता ने दी है, जिस पर दौसा सीएमएचओ डॉक्टर सीताराम मीणा ने बीसीएमओ सिकराय की निगरानी में एक जांच कमेटी गठित की है, जो मामले की जांच करेगी। अब इस जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद ही सारा मामला सामने आ पाएगा कि क्यों और कैसे इस पूरे धारावाहिक की कहानी रची गई।