बिहार में शराबबंदी पर शोध में खुलासा, यौन हिंसा में 3.6 फीसदी की कमी और 18 लाख पुरुष मोटापे से बचे
पटना
बिहार में 2016 में हुई शराबबंदी से प्रतिदिन और साप्ताहिक रूप से शराब पीने वालों की संख्या में 24 लाख (7.8 फीसदी) की कमी आई है। यही नहीं, यौन हिंसा के मामलों में 21 लाख (3.6 फीसदी) की कमी दर्ज की गई है। यह खुलासा 'द लैंसेट रीजनल हेल्थ साउथईस्ट एशिया जर्नल'. में प्रकाशित नए अध्ययन में हुआ है।
रिपोर्ट के अनुसार शराब प्रतिबंध के चलते राज्य में 18 लाख पुरुष मोटापे का शिकार होने से भी बचे हैं। अनुसंधानकर्ताओं की टीम में अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान के अनुसंधानकर्ता भी शामिल रहे। अनुसंधानकर्ताओं ने राष्ट्रीय और जिला स्तर पर, स्वास्थ्य और घर-घर जाकर किए सर्वेक्षण के आंकड़ों का विश्लेषण किया। अध्ययन के लेखकों ने कहा, सख्त शराब विनियमन नीतियों के चलते राज्य में अपराध और स्वास्थ्य के क्षेत्र में कॉफी सुधार हुआ है।
प्रतिबंध से पहले शराब पीने वालों की संख्या ज्यादा
शोधकर्ताओं के अनुसार, प्रतिबंध से पहले बिहार के पुरुषों में शराब सेवन 9.7 प्रतिशत से बढ़कर 15 प्रतिशत था, जबकि पड़ोसी राज्यों में यह 7.2 प्रतिशत से बढ़कर 10.3 प्रतिशत हो गया था। प्रतिबंध के बाद इस प्रवृत्ति में बदलाव आयी है। बिहार में शराब के सेवन में 7.8 प्रतिशत तक की गिरावट आई, जबकि पड़ोसी राज्यों में यह बढ़कर 10.4 फीसदी हो गई। इसी तरह बिहार में महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा में भी कमी देखी गई है। भवावेश में बहकर हिंसा करने की दर में 4.6 प्रतिशत और यौन हिंसा में 3.6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।