मुख्यमंत्री चौहान ने विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर किया पौध-रोपण
भोपाल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस (10 सितम्बर) पर भोपाल के प्रसिद्ध मनोचिकित्सक डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी और उनकी माता श्रीमती प्रभा देवी के साथ पौध-रोपण किया। शिक्षिका रही श्रीमती प्रभा देवी ने मुख्यमंत्री चौहान द्वारा प्रदेश में की जा रही सी.एम. राइज स्कूल की पहल से प्रभावित होकर उन्हें आशीर्वाद स्वरूप पेन भेंट किया। मुख्यमंत्री चौहान ने स्मार्ट सिटी उद्यान में बरगद, नीम, कदम्ब और गुलमोहर के पौधे लगाए। पौध-रोपण में दास्ताऩ-ए-उड़ान संस्था के सर्वआशुतोष सेंगर, अभिषेक त्रिपाठी, भूपेन्द्र यादव तथा शुभम यादव भी सम्मिलित हुए।
मुख्यमंत्री चौहान ने विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर मनोचिकित्सक डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी के साथ प्रदेशवासियों को “से यस टू लाइफ” का संदेश दिया। डॉ. त्रिवेदी आत्महत्या के विरूद्ध “से यस टू लाइफ” अभियान चला रहे है। उनका मानना है कि वृक्ष हमें आशावाद सिखाते हैं। स्वभाव में लचीलनेपन की सीख हमें पेड़-पौधों से मिलती है। वे बदलाव के समय का कोई प्रतिरोध नहीं करते, अपितु बिना विरोध किए स्वयं को सर्दी, गर्मी, धूप, वर्षा और पतझड़ के अनुसार बदल लेते हैं। वृक्ष हमें बाहरी संकटों से संघर्ष की सीख भी देते हैं। पौधे से वृक्ष बनाना हमें संघर्ष करना सिखाता है। प्राणवायु और फल देने के बाद भी वृक्ष कभी अपने आप को अधिक श्रेष्ठ और दूसरों को कमतर नहीं मानते हैं, क्योंकि विनम्रता ही वृक्ष का स्वभाव है।
संस्था विगत तीन वर्षों से भोपाल, सतना और सागर जिले के बीना में पर्यावरण-संरक्षण के लिए बड़ी संख्या में पौधे रोपित कर चुकी है। साथ ही बेजुबान पक्षियों के लिए सकोरा अभियान भी चलाती है। कोविड महामारी के दौरान संस्था द्वारा राहत गतिविधियों का संचालन भी किया गया।
बरगद का धार्मिक, औषधीय एवं पर्यावरणीय महत्व है। गुलमोहर की सुव्यवस्थित पत्तियों के बीच बड़े-बड़े गुच्छों में खिले फूल इस वृक्ष को अलग ही आकर्षण प्रदान करते हैं। यह वृक्ष औषधीय गुणों से भी समृद्ध है। एंटीबॉयोटिक तत्वों से भरपूर नीम को सर्वोच्च औषधि के रूप में जाना जाता है।भारत में हर जगह पाया जाने वाला कदंब का वृक्ष औषधीय गुणों से भरपूर होता है।