November 26, 2024

जन्म, तप और मोक्ष कल्याण पर हुआ भगवान शांतिनाथ का महामस्तकाभिषेक

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गुना
बजरंगगढ़ स्थित शांतिनाथ दिगंबर जैन पुण्योदय अतिशय तीर्थक्षेत्र मंदिर की प्राचीन शांतिनाथ, अरहनाथ एवं कुंथु भगवान की प्रतिमा का महामस्तकाभिषेक बुधवार को भक्तिभाव और हर्षोल्लास से संपन्न हुआ। दरअसल जैन आगम के 16 वें तीर्थंकर भगवान शांतिनाथ के जन्म, तप और मोक्ष कल्याणक के विशेष मौके पर यह कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस मौके पर भगवान का महामस्तकाभिषेक करने गुना के अलावा आरोन, बजरंगगढ़, राघौगढ़, रुठियाई सहित आसपास से हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। इस पूर्व प्रात: नित्यमय अभिषेक, पूजन, महामस्तकाभिषेक हुआ। वहीं विश्वशांति की भावना से मूलनायक भगवान शांतिनाथ की शांतिधारा हुई।

इस मौके पर भगवान का मस्तकाभिषेक एवं 108 कलश करने का अवसर एसके जैन, कमल कुमार जैन, राजकुमार जैन, बालचंद राजकुमार, वीरेंद्र कुमार जी जैन, अनिल कुमार सुनील कुमार, संजय कुमार जैन, जिनेंद्र कुमार संजय कुमार को मिला। जबकि विश्वशांति की भावना से शांति धारा रमेश चंद, सुशील कुमार जैन, बाबूलाल पवन कुमार, विवेक कुमार जैन, सुरेश चंद भूपेश कुमार जैन, सतीश चंद्र, डॉ. सचिन जैन, अखिलेश एवं अनिल जैन, अमन जैन ने की। इसके अलावा निर्माण लाडू चढ़ाने का सौभाग्य दीपक मॉडल ऋषि मॉडल, प्रदीप जैन, सुनील कुमार जैन को सपरिवार प्राप्त हुआ। इस दौरान सभी धार्मिक क्रियाएं संजय जैन शास्त्री द्वारा कराई गई।
उल्लेखनीय है कि लगभग 900 वर्ष प्राचीन भगवान शांतिनाथ की 18 फुट की उतंग प्रतिमा का महामस्तकाभिषेक वर्ष में दो बार ही आयोजित होता है।

 यह प्रथम महामस्तकाभिषेक नववर्ष को एवं द्वितीय महामस्तकाभिषेक ज्येष्ठ शुक्ल चौदस को भगवान शांतिनाथ के जन्म, तप और मोक्ष कल्याण के विशेष मौके पर आयोजित होता है। मंदिर कमेटी के अध्यक्ष इंजी. एसके जैन एवं मंत्री प्रदीप जैन ने बताया कि जैनाचार्य विद्यासागरजी महाराज के शिष्य मुनि पुंगव सुधा सागरजी महाराज की प्रेरणा से यहां प्रतिवर्ष नूतन वर्ष के स्वागत बेला में भगवान का महामस्तकाभिषेक होने की परंपरा शुरू करवाई गई थी। इसके अलावा मंदिर पर प्रतिदिन मूलनायक भगवान का चरणाभिषेक एवं भगवान की शांतिधारा में सैकड़ों श्रद्धालु गुना, आरोन से पहुंचते हैं। इसके लिए मुनि पुंगव सुधा सागरजी महाराज के मार्गदर्शन और आशीर्वाद से सात दिनों के सात मंडल बनाए गए हैं। क्रमश: गुना एवं आरोन से प्रात: निर्धारित समय पर अभिषेक रथ के रूप में बसें बजरंगगढ़ की ओर प्रस्थान करती हैं।
 

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