अखिलेश लखनऊ छोड़ दो साल में ही क्यों चले दिल्ली? विधायकी छोड़ने के प्लान का गणित
मैनपुरी
समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव मैनपुरी जिले की करहल विधानसभा सीट से इस्तीफा देंगे। सैफई में मंगलवार को पार्टी कार्यकर्ताओं से विचार विमर्श करने के बाद अखिलेश ने पत्रकारों को मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि संवैधानिक तौर पर दो स्थानों से नर्विाचित होने के बाद किसी भी प्रतिनिधि के लिए एक स्थान छोड़ना पड़ता है। इसी कड़ी में करहल विधानसभा से जुड़े हुए महत्वपूर्ण पदाधिकारी से चर्चा के बाद करहल विधानसभा सीट को छोड़ना तय किया गया है। उन्होंने कहा कि राजधानी लखनऊ में विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष अपना इस्तीफा जल्द ही पेश कर दिया जायेगा।
उत्तर प्रदेश में नेता प्रतिपक्ष कौन बनेगा इस सवाल पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि पार्टी नेता प्रतिपक्ष के पद के लिए किसी मजबूत और पार्टी को ताकत देने वाले वरिष्ठ नेता को यह जिम्मेदारी दी जायेगी। फिलहाल अभी इसके लिए किसी के नाम को आधिकारिक तौर पर तय नहीं किया गया है जल्द ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच चर्चा के बाद नेता प्रतिपक्ष के नाम पर अंतिम मोहर लग जाएगी।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव में शानदार सफलता के बाद पहली बार मंगलवार को अपने गांव सैफई पहुंचे। यहां कार्यकर्ताओं से मुलाकात के बाद कहा कि उनका अगला लक्ष्य 2027 में विधानसभा में समाजवादी पार्टी की सरकार बनाना है। यह भी कहा कि पार्टी अभी से इसकी तैयारी शुरू कर रही है। कार्यकर्ता अभी से जोर-शोर से लग जाएं। अखिलेश ने कहा कि लोकसभा चुनाव जनता के मुद्दों की जीत का चुनाव रहा है। उन सभी मतदाताओं को बधाई जिन्होंने संविधान बचाने के मुद्दे पर अपने अपने घरों से निकलकर सपा के पक्ष में मतदान किया। उन्होंने कहा कि संसद चलेगी तब वहां पर जनता के मुद्दों को सपा जोरदारी से उठाएगी। सपा अब देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। कहा कि मैं धन्यवाद देना चाहता हूं कि इस बार तपती हुई गर्मी में समाजवादी कार्यकर्ता जनता के बीच में लगातार बना रहा। मैं समाजवादी पार्टी के एक-एक कार्यकर्ता, नेता, संगठन के पदाधिकारियों को बहुत-बहुत धन्यवाद देना चाहता हूं।
गौरतलब है कि अखिलेश यादव ने पिछले विधानसभा चुनाव में मैनपुरी की करहल सीट से जीत हासिल कर विधायक बने थे। इस लोकसभा चुनाव में वह कन्नौज से चुने गए हैं। दोनों सीटों के चुने जाने के कारण उन्हें कोई एक सीट छोड़नी होगी। माना जा रहा है कि अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव में मिली सफलता और मोमेंटम को बनाए रखने के लिए लोकसभा की सीट अभी अपने पास रखेंगे और विधानसभा से इस्तीफा देंगे। अपनी जगह चाचा शिवपाल यादव को अखिलेश विधानसभा में नेता की जिम्मेदारी दे सकते हैं।