वित्तीय वर्ष 2023-24 का आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए आपके पास केवल 46 दिन शेष
रायपुर
वित्तीय वर्ष 2023-24 का आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए आपके पास केवल 46 दिन का समय शेष बचा है और आप 31 जुलाई तक अपना आयकर रिटर्न दाखिल कर लें। इस तारीख तक आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करने पर आपको कई तरह से नुकसान उठाना पड़ सकता है। बहुत से करदाता यह सोच रहे होंगे कि उन्हें केवल कुछ जुर्माना ही देना पड़ेगा, लेकिन ऐसा नहीं है आइटीआर फाइलिंग की डेडलाइन मिस करने का नुकसान और भी है। इसके चलते आपको कई तरह से नुकसान हो सकते है।
मालूम हो कि नौकरीपेशा व अन्य करदाताओं के लिए आयकर रिटर्न की तारीख 31 जुलाई है। इसके साथ ही कार्पोरेट व ऐसे टैक्सपेटर्स जिन्हें अकाउंट मेंआडिट कराने होते है, उनके लिए 31 अक्टूबर है। साथ ही व्यावसाय को ट्रांसफर प्राइसिंग रिपोटर्स देने वालों के लिए आयकर रिटर्न की आखिरी तारीख 30 नवंबर है। रिवाइज्ड यानि संशोधित रिटर्न फाइल 31 दिसंबर तक जमा कर सकते है।
इनके लिए रिटर्न भरना है जरूरी
– उन सभी करदाताओं को आयकर रिटर्न भरना जरूरी है, जिनकी कुल आय आयकर विभाग द्वारा निर्धारित बेसिक एग्जम्पशन लिमिट से ज्यादा है।
-टैक्स प्रावधानों में मिली छूट का इस्तेमाल करने के बाद भले ही आपकी टैक्स देनदारी नहीं बनती हो,फिर भी उन छूट को क्लेम करने के लिए रिटर्न फाइल करना जरूरी है।
– कंपनियों व पार्टनरशिप फर्म्स को घाटा हो रहा और टैक्स देनदारी कुछ भी न हो,फिर भी रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य है
– आपने एक वित्त वर्ष के दौरान एक्सट्रा टैक्स भर दिया है तो भी उसका रिफंड हासिल करने रिटर्न भरना होगा।
इस प्रकार है पुरानी व नई टैक्स रिजीम
करदाताओं के पास अब पुरानी व नई टैक्स रिजीम में से एक विकल्प चुनने का अवसर है। दोनों रिजीम के तहत एग्जम्पशन लिमिट अलग-अलग है। पुरानी टैक्स रिजीम के तहत पुरुषों व महिलाओं के लिए लिमिट 2.50 लाख है जबकि 60 से 80 वर्ष के वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह लिमिट 3 लाख रुपये है।
वहीं 80 साल या उससे ज्यदा उम्र वाले सुपर सीनियर सिटीजन के लिए बेसिक एग्जम्पशन लिमिट सालाना 5 लाख है। वहीं दूसरी ओर नई टैक्स रिजीम के तहत सभी नागरिकों के लिए बेसिक एग्जम्पशन लिमिट 3 लाख रुपये है। टैक्स रिबेट का इस्तेमाल करने के बाद पुराने टैक्स रिजीम में 5 लाख रुपये व नई रिजीम में 7 लाख रुपये की आय पर कोई टैक्स नहीं है।
यह होगा नुकसान
– घाटे को कैरी फारवर्ड नहीं कर सके
अगर आपने समय पर अपना रिटर्न फाइल नहीं किया तो आप उस वित्त वर्ष के दौरान हुए घाटे को कैरी फारवर्ड करके अगले वित्त वर्ष के लिए प्राफिट के साथ आफसेट नहीं कर पाएंगे।
– जुर्माने व ब्याज का बोझ
समय पर आपने रिटर्न फाइल दाखिल नहीं किया तो आपको एक हजार रुपये से लेकर 5000 रुपये तक का जुर्माना देना पड़ेगा। इसके साथ ही आपको बकाया टैक्स देनदारी पर भी ब्याज देना पड़ेगा।
– डिडक्शन व एग्जम्पशन में अड़चन
समय पर रिटर्न दाखिल नहीं करने पर आपको धारा 10ए, 10 बी सहित अन्य धाराओं में मिलने वाले डिडक्शन व एग्जम्पशन का लाभ नहीं मिलेगा।