November 26, 2024

झज्‍जर: अस्‍पताल में इलाज करवाने गए युवक की मौत, स्‍वजनों ने कहा, सही इलाज नहीं मिला

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झज्जर
सीएचसी डीघल में रविवार को इलाज कराने गए एक युवक की मौत होने की वजह से स्वजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। स्वजनों का आरोप है कि अगर अस्पताल प्रबंधन द्वारा उचित ईलाज मिल जाता तो उसकी जान बच सकती थी। मृतक की पहचान डीघल निवासी सुनील (25) पुत्र रामधन के रूप में हुई है। कुछ दिनों से सुनील बीमार चल रहा था। स्वजनों ने इस मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।

मृतक के बड़े भाई बुधराज ने बताया कि कल शाम सुनील अचानक से चक्कर खाकर गिर गया। शाम करीब 5:15 बजे के आसपास इलाज के लिए डीघल अस्पताल में भर्ती करवाया गया। चिकित्सकों द्वारा सुनील को ग्लूकोस की दो बोतलें चढ़ाई गई। 2 घंटे तक ग्लूकोस चढ़ने के बाद सुनील की तबीयत और ज्यादा बिगड़ गई। उसके बाद चिकित्सकों ने हाथ खड़े कर दिए और पीजीआई लेकर जाने को कहा। मगर तब तक और देर हो चुकी थी। स्वजनों द्वारा उसे पीजीआई लेकर जाने की बात चल ही रही थी कि सुनील ने बीच में दम तोड़ दिया।

बुधराज ने एंबुलेंस ना मिलने का लगाया आरोप
बुधराज का कहना है कि जब उसने एंबुलेंस वाले को काल किया तो उसने बताया कि डीघल अस्पताल में जो एंबुलेंस पड़ी है वह एक हफ्ते से ठीक नहीं है। इसलिए एंबुलेंस पहुंचने में समय लग सकता है और एंबुलेंस छारा से आएगी। बुधराज ने बताया कि एंबुलेंस को आने में काफी समय लगना था। सुनील की हालत को देखते हुए उसने एक प्राइवेट गाड़ी का प्रबंध किया। फिर उसने अस्पताल से ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया कराने की बात कही। बुधराज ने आरोप लगाया कि आक्सीजन सिलेंडर नहीं मिलने की वजह से सुनील की मौत हो हुई है। क्योंकि वह पहले ही आक्सीजन स्पोर्ट पर था। सुनील के स्वजनों ने इस मामले में जांच की मांग की है।

सुनील के स्वजनों के आरोपों पर एसएमओ ने दिया यह जवाब
सीएचसी डीघल के एसएमओ डॉक्टर संजीव मलिक ने सुनील के स्वजनों के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि अस्पताल में एंबुलेंस सुविधा उपलब्ध है। वह अलग बात है कि मौके पर कोई एंबुलेंस दुसरे मरीज को लेने गई होगी। जब भी 108 नंबर पर कॉल की जाती है तो एंबुलेंस आसपास के क्षेत्रों से आ जाती है। संजीव मलिक ने आगे कहा कि सुनील के स्वजनों को 3 दिन से पीजीआई लेकर जाने को कहा जा रहा था। मगर स्वजनों द्वारा सुनील को पीजीआई नहीं ले जाया गया। जब रविवार को सुनील का इलाज कराने को लेकर आए थे तो उस समय उसकी हालत काफी गंभीर थी।

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