राजस्थान : AAP से गठबंधन के विरोध में बीटीपी से अलग हुए विधायक ने बनाई नई पार्टी
जयपुर
गुजरात के बाद राजस्थान में आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। गुजरात विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियों के बीच समझौता हुआ है। इस समझौते से नाराज होकर राजस्थान में बीटीपी के दोनों विधायकों राजकुमार रोत और रामप्रसाद ने पार्टी से अलग होने की घोषणा की है।
आदिवासियों के साथ धोखा
मालूम हो कि दोनों विधायकों ने बीटीपी के असंतुष्ट नेताओं के साथ मिलकर भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) बनाई है। रोत का कहना है कि आदिवासियों से जुड़े मुद्दों को लेकर करीब चार साल पहले राजस्थान में बीटीपी अस्तित्व में आई थी। नई पार्टी बनते ही दो विधानसभा सीटों पर भी कब्जा किया। लेकिन बीटीपी ने गुजरात में आप के साथ समझौता कर आदिवासियों के साथ धोखा किया है। अब राजस्थान में भी समझौता करने की तैयारी है। ऐसे में हमने नई पार्टी बनाई है। उधर बीटीपी के प्रदेश अध्यक्ष वेलाराम घोगरा का कहना है कि दोनों विधायकों ने कांग्रेस के साथ समझौता कर आदिवासियों के वोट बैंक को कमजोर करने के लिहाज से नई पार्टी बनाई है।
औवेसी दो दिन की राजस्थान यात्रा पर
घोगरा का कहना है कि आप के साथ समझौते को लेकर राष्ट्रीय नेताओं के स्तर पर बातचीत चल रही है। इस बीच आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल (एआईएमआईएम)के प्रमुख असदुद्दीन औवेसी ने प्रदेश में डेढ़ दर्जन विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का मानस बनाया है। चुनाव की तैयारियों के लिहाज से औवेसी बुधवार और गुरुवार को दो दिन की राजस्थान यात्रा पर आ रहे हैं। दो दिन में वे आधा दर्जन विधानसभा क्षेत्रों में सभाओं को संबोधित करेंगे ।
आदिवासी वोट बैंक टूट का खतरा
आदिवासियों के प्रभाव वाली आरक्षित 17 विधानसभा सीटें काफी महत्वपूर्ण है। पिछले विधानसभा सीटों पर बीटीपी ने 11 सीटों पर चुनाव लड़कर दो सीटों पर जीत हासिल की थी। एक सीट पर नौ सौ वोटों से पार्टी प्रत्याशी की हार हुई थी। इसके बाद पंचायत चुनाव में पांच पंचायत समितियों में पार्टी के प्रधान निर्वाचित हुए थे। ऐसे में आदिवासियों में बीटीपी के बढ़े प्रभाव के कारण कांग्रेस को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ था।
कांग्रेस का आदिवासियों पर पहले था प्रभाव
मालूम हो कि कांग्रेस को मात्र चार सीटों पर जीत मिली थी। जबकि एक दशक पहले तक कांग्रेस का आदिवासियों पर काफी प्रभाव माना जाता था। अब बीटीपी और बीएपी के बीच आदिवासियों के वोट बंट सकते हैं। यह उम्मीद कांग्रेस और भाजपा कर रही है।
डेढ़ दर्जन सीटों पर प्रत्याशी उतारेंगे ओवैसी
एआईएमआईएम की कोर कमेटी के सदस्य काशिफ जुबैरी ने बताया कि ओवैसी बुधवार को जयपुर में पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे। इसके बाद वे शाम को जयपुर से रवाना होकर सीकर, फतेहपुर और लक्ष्मणगढ़ में सभाओं को संबोधित करेंगे। अगले दिन गुरुवार को ओवैसी का लाडनू एवं सुजानगढ़ में कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करने का कार्यक्रम है।