अकबरनगर साफ! बचा सिर्फ मलबा, मंदिर-मस्जिद समेत 1800 अवैध निर्माणों पर बुलडोजर एक्शन
लखनऊ
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के अकबरनगर (Akbarnagar) में चल रहे ध्वस्तीकरण का काम आखिरकार पूरा हो गया है। लखनऊ डेवलपमेंट अथॉरिटी (एलडीए) ने 9 दिन तक चलाए गए इस अभियान में 24.5 एकड़ में बने करीब 1800 अवैध मकान, दुकानें और कॉम्प्लेक्स को जमींदोज कर दिया है। वहीं मंगलवार देर यहां धार्मिक स्थलों (मंदिर- मस्जिद) पर भी बुलडोजर चलाया गया है, जिन्हें पहले छोड़ा गया था। अब इलाके में सिर्फ मलबा ही दिख रहा है। हालांकि सुरक्षा की दृष्टि से भारी पुलिस और पीएसी के जवान तैनात हैं।
कुकरैल नदी की जमीन पर था अवैध कब्जा
कुकरैल नदी की जमीन पर कब्जा कर लोगों ने कॉम्प्लेक्स, शोरूम, दुकानें और बड़ी संख्या में घर बना लिए थे। जब शासन से कुकरैल नदी के सौन्दर्यीकरण का आदेश आया तो सर्वे में पता चला कि पूरा अकबरनगर नदी की जमीन पर ही बसा हुआ है। इसके बाद एलडीए ने ध्वस्तीकरण के लिए नोटिस जारी किया। नोटिस के बाद भी कोई भू स्वामी जमीन के मालिकाना हक का दस्तावेज पेश नहीं कर पाया, जिसके बाद एलडीए ने ध्वस्तीकरण का आदेश पास कर दिया।
स्थानीय लोगों को अदालत से नहीं मिली राहत
इस फैसले के खिलाफ लोग हाईकोर्ट गए, लेकिन वहां से राहत नहीं मिली। बाद में सुप्रीम कोर्ट का रूख किया, पर वहां से भी अवैध कब्जा करने वाले लोगों को कोई राहत नहीं मिली। अदालत के आदेश का पालन करते हुए 10 जून को इलाके में बुलडोजर पहुंचा और 18 जून तक ध्वस्तीकरण का काम चलता रहा। इस अभियान में अवैध बने 1169 आवास और 101 कॉमर्शियल निर्माण ध्वस्त किए गए।
ईको टूरिज्म और चिड़ियाघर की योजना
एलडीए का यह बुलडोजर विकास कार्यों के लिए चला है। अवैध निर्माणों को तोड़कर ईको टूरिज्म तैयार किया जाएगा। इसके अलावा लखनऊ में स्थित चिड़ियाघर को भी शिफ्ट करने की योजना है। दिसंबर 2023 से अतिक्रमण हटाने का अभियान शुरू हुआ था, जिसमें करीब 24.5 एकड़ जमीन पर बने 1800 से अधिक अवैध निर्माण जमींदोज किए गए हैं।
सीएम योगी का ड्रीम प्रोजेक्ट
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट, कुकरैल नदी पर बनने वाला रिवर फ्रंट, लखनऊ में एक प्रमुख विकास परियोजना के रूप में उभर रहा है। इस परियोजना पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, और कोई भी अधिकारी इसमें लापरवाही नहीं करना चाहता। रिवर फ्रंट की प्लानिंग के अनुसार, बारिश के पानी को इकठ्ठा करके कुकरैल नदी में भरा जाएगा। इसके अलावा, शारदा नहर का पानी भी नदी में छोड़ा जाएगा ताकि जल स्तर को बनाए रखा जा सके। नदी की 6 किलोमीटर लंबाई के साथ एक झील को भी विकसित किया जाएगा।
सुन्दरता को चार चांद लगाएगा ये प्रोजेक्ट
जानकारी के मुताबिक, राज्य सरकार उस एजेंसी के साथ एक समझौता करेगी जिसने अहमदाबाद में साबरमती रिवर फ्रंट के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस समझौते से कुकरैल नदी पर बनने वाला रिवर फ्रंट भी उसी गुणवत्ता और भव्यता के साथ तैयार किया जाएगा। इस ड्रीम प्रोजेक्ट के माध्यम से लखनऊ में पर्यटन और स्थानीय विकास को नया आयाम मिलेगा, और यह शहर की सुंदरता में चार चांद लगाएगा।