आजीविका मिशन ने मेरे जीवन को एक नई दिशा ही नहीं दी बल्कि मुझे ऊर्जा तथा आत्मविश्वास से भरपूर व्यक्तित्व प्रदान किया
देवास
जिले के उदय नगर में रहने वाली फूलवती दीदी उदय नगर के आसपास के 30-35 गांव में 96 स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से एक हजार परिवार की महिलाओं को स्व-सहायता समूहों में शामिल करवाया है, 74 समूहों को चक्रिय राशी प्राप्त हो चुकी है। साथ ही 45 समूह को सीआईएफ एवं बैंक क्रेडिट लिंकेज के माध्यम से वित्तीय सहायता प्राप्त करने में सहयोग करते हुये उन्हें आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढ़ा रही है। गांव के लोग उन्हें फूल दीदी के नाम से जानते हैं।
फूल दीदी कहती हैं मैं बहुत गरीब परिवार की बेटी हूं, गरीबी का दर्द क्या होता है, हमसे बेहतर कोईं नहीं समझ सकता है। हम पांच भाई बहन थे। जिनकी जिम्मेदारी पापा मजदूरी करके निभा रहे थे। पापा की बहुत इच्छा थी कि हम सब भाई बहन उंची पढ़ाई करें। लेकिन हम सभी 10वीं तक पढाई कर के मजबूरी में पढना छोड़ कर मजदूरी करने लगे। फूल दीदी कहती हैं कि आजीविका मिशन से जुडने के बाद अपने आसपास की महिलाओं के साथ कमल आजीविका स्वयं सहायता समूह का गठन किया। समूह में सिर्फ मैं ही पढ़ी लिखी थी तो सभी ने मुझे ही समूह की अध्यक्ष बनाने की सहमति दे दी। आजीविका मिशन से उन्होंने लोन लिया। फूलवती की मासिक आय अब लगभग 12-15 हजार रुपए प्रति माह है, वे सिलाई करती हैं, बकरी क्रय विक्रय करती है, और समूह सीआरपी का काम करती है, वो अपने समूह कमल आजीविका स्व-सहायता समूह, अपने ग्राम संगठन उजाला आजीविका ग्राम संगठन की पुस्तक संचालक तथा उन्नति संकुल संगठन की भी पुस्तक संचालक है।
फूलवती आजीविका मिशन को दिल से धन्यवाद देते हुये कहती है कि आजीविका मिशन और इन 30 गांव की बहनों व परिवार ने मेरे जीवन को एक नई दिशा ही नहीं दी बल्कि मुझे ऊर्जा तथा आत्मविश्वास से भरपूर व्यक्तित्व प्रदान किया है, मेरा प्रयास है कि मेरे 30 गांव के सभी गरीब परिवारों को समृद्ध परिवार की स्थिति में आगे लाऊं ताकि फिर किसी परिवार के पिता को फिर किसी फूलवती के लिये परेशान ना होना पड़े।