September 25, 2024

बिजली व्यवस्था सुधार के लिए एक्शन में कंपनियां, खर्च होंगे नौ हजार करोड़

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 पटना
 
बिहार में बिजली का संकट लगातार बना हुआ रहता है। आपूर्ति और व्यवस्था में सुधार दोनों लचर स्थिति में है। सूबे में आगामी चार वर्षों में राज्य की बिजली आपूर्ति व्यवस्था में सुधार और तकनीकी व व्यवसायिक नुकसान कम करने के लिए बिजली कंपनी नौ हजार करोड़ रूपये खर्च करेगी। इसके तहत आधारभूत संरचनाओं पर 6625 करोड़ खर्च होंगे। जबकि 1993 करोड़ रूपये स्मार्ट मीटर लगाने के लिए खर्च होंगे। इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ऑपरेशनल टेक्नोलॉजी (आईटीओटी) के लिए कुल 400 करोड़ रूपये खर्च किये जाएंगे। इस पैसे से भविष्य में राज्य की जरूरतों के अनुसार ग्रिड, पावर सब-स्टेशन, फीडर, तार-पोल व ट्रांसफॉर्मर लगाए जाएंगे।

कंपनियों के बीच हुआ समझौता
रिवैम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के तहत इस कार्य को पूरा करने के लिए राज्य की दोनों वितरण कंपनियों को यह राशि मिलेगी। बीएसपीएचसीएल के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक संजीव हंस की उपस्थिति में नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के प्रबंध निदेशक प्रभाकर और साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के प्रबंध निदेशक महेन्द्र कुमार ने रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन (आरईसी) लिमिटेड के साथ करार किया। आरईसी लिमिटेड की ओर से सीपीएम जोगीनाथ प्रधान ने समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किया।

समय से पहले हुआ पूरा निर्धारित लक्ष्य
इस मौके पर आरईसी लिमिटेड बिजली कंपनी के सीएमडी संजीव हंस ने कहा कि ऊर्जा विभाग ने अपने निर्धारित लक्ष्य को समय से पहले पूरा किया है। आरईसी लिमिटेड से आरडीएसएस के तहत दोनों कंपनियों के करार के बाद बिहार में आधारभूत संरचना के निर्माण में तेजी आएगी। आरडीएसएस के तहत आधारभूत संरचना के निर्माण के लिए नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी को 3100 करोड़ और साउथ बिहार कंपनी को 3525 करोड़ मिलेंगे। इसके अलावा स्मार्ट मीटरिंग के लिए नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी को 969 करोड़ और साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी को 1024 करोड़ मिलेंगे। वहीं आईटीओटी के लिए 400 करोड़ का प्रवाधान किया गया है।

 

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