SCO समिट में PM मोदी की राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात,PM शरीफ और राष्ट्रपति जिनपिंग से मिलने की संभावना
नई दिल्ली
शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन की मीटिंग में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन से मुलाकात होगी। यह मीटिंग 15 और 16 सितंबर को उज्बेकिस्तान के समरकंद में होना है। एससीओ समिट के नाम से होने वाली इस मीटिंग में भारतीय पीएम मोदी, रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के साथ-साथ दुनिया के अन्य कई देशों ने शीर्ष नेता भाग लेंगे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस मीटिंग में पीएम मोदी की चीनी राष्ट्रपति सी जिनपिंग और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से भी मुलाकात होने की संभावना हैं।
एससीओ समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से मुलाकात के दौरान रूस-यूक्रेन जंग और फूड सिक्योरिटी जैसे अहम मसलों पर बातचीत होने की संभावना है। एक न्यूज एजेंसी ने भारतीय विदेश मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से कहा कि मोदी की दो द्विपक्षीय मुलाकातें तय हैं। पहली- रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ और दूसरी मेजबान उज्बेकिस्तान राष्ट्रपति शावकत मिर्जियोयेव के साथ। दोनों ही मुलाकातें SCO समिट के इतर यानी अलग होंगी।
राजदूत ने बताया- बिजनेस और ट्रेड को लेकर होगी अहम बातचीत
उज्बेकिस्तान में भारत के राजदूत मनीष प्रभात ने बताया कि कोविड की वजह से दो साल तक बड़े नेता मुलाकात नहीं कर सके। लिहाजा, इस बार मध्य एशियाई देशों के बिजनेस और ट्रेड को लेकर एससीओ समिट में अहम बातचीत हो सकती है। इधर फरवरी 2022 से रूस-यूक्रेन के बीच शुरू हुआ जंग अभी तक जारी है। इस युद्ध के कारण फूड क्राइसिस गहरा गया है। मोदी और उज्बेक राष्ट्रपति यूक्रेन के मसले पर पुतिन के साथ मिलकर कुछ ठोस पहल कर सकते हैं।
चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग और पाक पीएम शरीफ भी लेंगे भाग
SCO समिट में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी हिस्सा लेंगे। आधिकारिक तौर पर अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि मोदी इन दोनों नेताओं से आपसी बातचीत करेंगे या नहीं। लेकिन मीडिया रिपोर्ट में संभावना जताई जा रही है कि मोदी की इन दोनों नेताओं के साथ भी मुलाकात संभव है। दूसरी ओर ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी भी इस समिट में शामिल हो सकते हैं।
क्या है शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन, कौन-कौन देश हैं इसके सदस्य
गौरतलब हो कि SCO एक स्थायी अंतर-सरकारी अंतर्राष्ट्रीय संगठन है। यह यूरेशियाई राजनीतिक, आर्थिक और सैन्य संगठन है जिसका लक्ष्य इस क्षेत्र में शांति, सुरक्षा एवं स्थिरता बनाए रखना है। इसका गठन वर्ष 2001 में किया गया था। 2001 में SCO के गठन से पहले कज़ाखस्तान, चीन, किर्गिज़स्तान, रूस और ताजिकिस्तान शंघाई फाइव (Shanghai Five) के सदस्य थे।
2001 में संगठन में उज़्बेकिस्तान के शामिल होने के बाद शंघाई फाइव का नाम बदलकर SCO कर दिया गया। 2017 में भारत और पाकिस्तान भी इस संगठन के सदस्य बने। अगले साल यानि की 2023 में एससीओ समिट की मेजबानी भारत करेगा।