अमित शाह की नसीहत राजस्थान के BJP नेताओं पर बेअसर, शेखावत ने पूनिया की पदयात्रा से बनाई दूरी
जयपुर
राजस्थान में अमित शाह के दौरे के बाद भी गुटबाजी थमी नहीं है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया की अकेले ही पैदल यात्रा करने की गूंज दिल्ली तक पहुंच गई है। 6 सितंबर को पूनिया की यह पदयात्रा केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और कैलाश चौधरी के साथ प्रस्तावित थी। वह दोनों भी रविवार को पूनिया के साथ नहीं आए। दिल्ली में पार्टी हाईकमान से उन्हें और पार्टी के अन्य नेताओं को आमंत्रित नहीं किए जाने की शिकायत कर दी। इसके बाद वरिष्ठ नेताओं को आमंत्रित किए बिना पार्टी के बैनर पर इस तरह की धार्मिक पदयात्रा को स्थगित करने को कह दिया। सतीश पूनिया के साथ मारवाड़ संभाग से आने वाले केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और कैलाश चौधरी भी रहने वाले थे, लेकिन सतीश पूनिया की एकला चलो की नीति पर चलकर की गई पदयात्रा ने सियासी विरोधियों के मुंह बंद कर दिए।
अमित शाह की नसीहत बेअसर
सतीश पूनिया की अकेले ही पदयात्रा करने की मंशा चाहें जो रही हो लेकिन इससे राजस्थान बीजेपी की गुटबाजी खुलकर धरातल पर आ गई। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और कैलाश चौधरी ने यात्रा से दूरी बना ली। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि इन दिनों केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत सतीश पूनिया से दूर बनाकर चल रहे हैं। पूनिया सादगी के साथ अकेले ही इस पदयात्रा में दिखाई दिए। सोशल मीडिया पर लिखे संदेशों ने अंदर की पूरी कहानी को बयां कर दिया। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने लिखा-सफर में धूप तो होगी, जो चल सको तो चलो। सभी हैं भीड़ में, तुम भी निकल सको तो चलो। किसी के वास्ते राहें कहां बदलती है। तुम अपने आप को खुद ही बदल सको तो चलो।अमित शाह ने अपने दौरे के दौरान एकजुट रहने की नसीहत दी थी।
उल्लेखनीय है कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया की पोकरण जाज्वला माता से रामेदवरा तक की 11 किलोमीटर लंबी पदयात्रा की। पदचाप दिल्ली तक सुनाई दी है। पूनिया के इस अंदाज की चर्चा दिल्ली में बैठे भाजपा नेताओं के बीच भी हो रही है। पूनिया की पदयात्रा को लेकर विरोधी धड़े की तरफ से पार्टी आलाकमान को यह कहकर शिकायत की गई कि पूनिया ने इस कार्यक्रम से बीजेपी की गुटबाजी को हवा दी है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया की 11 किलोमीटर इस पैदल यात्रा में कोई बड़ा नेता उनके साथ नहीं रहा।