मादक पदार्थ बेचने वालों को नहीं बख्शेंगे, सीएम चंपई ने ‘नशामुक्त झारखंड’ की दी चेतावनी
रांची.
झारखंड को नशामुक्त बनाने का झारखंड सरकार ने लक्ष्य तय किया है। मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने चेतावनी दी है कि नशा बेचने वाले और मादक पदार्थों की खेती में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार हमारा लक्ष्य झारखंड को नशा मुक्त बनाना है। झारखंड में मादक पदार्थों की तस्करी में कथित रूप से शामिल होने के आरोप में 164 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यही नहीं मई 2024 तक 20 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की नशीली सामग्री जब्त की जा चुकी है। इसको लेकर झारखंड सरकार ने चिंता व्यक्त की है।
मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य राज्य को नशा मुक्त बनाना है। सोरेन ने कहा, "छात्र और युवा राज्य और देश का भविष्य हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि नशा बेचने वालों और मादक पदार्थों की खेती में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि नशा बेचने वाले युवाओं को निशाना बनाते हैं। उन्हें नशीले पदार्थों की लत में फंसाते हैं। इससे न केवल युवाओं का भविष्य बर्बाद होता है, बल्कि राज्य और देश का भविष्य भी बर्बाद होता है। हमें झारखंड को नशा मुक्त बनाने का संकल्प लेना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य के किसी भी हिस्से में मादक पदार्थों की खेती मिलती है तो वे प्रशासन को सूचित करें।"
एक सप्ताह तक चलाया गया जागरूकता अभियान
नशा मुक्ति झारखंड की दिशा में मादक पदार्थों के इस्तेमाल के खिलाफ एक सप्ताह का जागरूकता अभियान आयोजित किया गया। नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ जागरूकता अभियान 19 जून को शुरू हुआ। इसके तहत पूरे राज्य में मैराथन, साइकिलिंग, क्विज, पेंटिंग प्रतियोगिता और मानव श्रृंखला जैसे कार्यक्रमों की एक श्रृंखला आयोजित की गई। इसके समापन समारोह पर मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार मादक पदार्थों की तस्करी और मादक पदार्थों की खेती में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। मुख्यमंत्री ने नशीली दवाओं के दुरुपयोग के प्रसार पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि यदि उन्हें राज्य के किसी भी हिस्से में मादक पदार्थों की खेती मिलती है तो वे प्रशासन को सूचित करें।