शादी के 13 साल बाद ब्राह्मण परिवार की बहू निकली मुस्लिम! मामला खुला तो पति को करने लगी टॉर्चर
प्रयागराज
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से हैरान करने वाला सामने आया है। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर को शादी के 13 सालों बाद पता चला कि उनकी पत्नी मुस्लिम है। पत्नी की सच्चाई खुलने के बाद उन पर टॉर्चर बढ़ने की बात भी कही गई है। दरअसल, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर ने अपनी पत्नी पर गंभीर धाराओं में केस दर्ज कराया है। उनका आरोप है कि पत्नी ने उनके साथ वैवाहिक धोखाधड़ी, प्राणघातक हमला, शारीरिक और मानसिक क्रूरता दिखाने के साथ फर्जी मामले में फंसाने की कोशिश की। सबसे हैरान करने वाली बात तो यह है कि प्रोफेसर को शादी के 13 साल बाद पता चला कि उनकी पत्नी हिन्दू नहीं, मुस्लिम है।
पत्नी और सास-ससुर पर किया केस
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर ने पत्नी, सास और ससुर पर सिविल लाइंस थाने में केस दर्ज कराया है। प्रोफेसर ने आरोप लगाया है कि उनसे धर्म परिवर्तन की बात छिपाकर शादी की गई। विरोध करने पर उत्पीड़न किया जा रहा है। उन्हें जान से मारने की धमकी दी जा रही है। सोशल मीडिया पर फर्जी फोटो डालकर बदनाम किया जा रहा है। पुलिस ने इस मामले में धोखाधड़ी, मारपीट समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर जांच कर रही है।
दर्ज एफआईआर में पूरा मामला
प्रोफेसर में दर्ज कराए गए एफआईआर में विस्तार से पूरे मामले का जिक्र किया है। क्लाइव रोड निवासी पीड़ित ने पुलिस को बताया कि जून 2011 में उनका विवाह असम के गुवाहाटी की रहने वाली महिला से हुआ था। उन्होंने कहा कि 13 मई को कमरे में बेडबॉक्स की सफाई के दौरान उन्हें कुछ कागजात मिले। इससे पता चला कि उनकी पत्नी ने शादी से पहले धर्म परिवर्तन कर इस्लाम ग्रहण कर ली थी। साथ ही उसी धर्म के युवक से शादी भी की थी।
पीड़ित ने एफआईआर में कहा है कि महिला ने सबसे पहले 23 अप्रैल 2007 को महाराष्ट्र के कोर्ट में हलफनामा दायर कर धर्म परिवर्तन किया। इसके बाद 26 मई 2007 को मुंबई के काजी के समक्ष धर्म परिवर्तन किया। धर्म परिवर्तन के बाद उसने अपना नाम भी बदल लिया। इसके बाद दिल्ली में 22 जून 2007 को वहां के मुस्लिम युवक से शादी की। इस शादी की बात को छुपाकर 27 जून 2011 को प्रोफेसर के साथ महिला की शादी कर दी गई।
2012 से टॉर्चर का आरोप
प्रोफेसर ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि महिला 2012 से उनका टॉर्चर कर रही है। 2012 में जब उन्होंने महिला के गुटखा खाने का विरोध किया तो वह कलाई की नस काटकर खुदकुशी का प्रयास की। गलत आदतों का विरोध करने पर उनसे और उनकी मां से मारपीट करती रही। प्रोफेसर का आरोप है कि महिला ने उनके चरित्र हनन का प्रयास किया। बदनाम करने की धमकी दे रही है। छोटी-छोटी बातों पर आत्महत्या की धमकी और प्रयास से उनके साथ रहना मुश्किल हो गया है।
प्रोफेसर ने आरोप लगाया है कि पत्नी ने दो बार लैपटॉप पटककर तोड़ दिया। यूनिवर्सिटी जाकर मुझे बदनाम करने की धमकी देती है। अपने व्हाट्सएप स्टेटस और फेसबुक पर सहकर्मियों और छात्राओं के साथ के फर्जी स्क्रीनशॉट लगाकर बदनाम करती है। 27 मई को सहकर्मियों के साथ हुई निजी बातचीत के झूठे स्क्रीनशॉट्स का स्टेट्स और डीपी लगा दिया। 31 मई को फेसबुक पर तलाक की घोषणा कर दी।
वाराणसी के व्यक्ति से संपर्क का आरोप
प्रोफेसर का आरोप है कि महिला का वाराणसी के पहड़िया के एक व्यक्ति से पिछले कुछ महीनों से संपर्क बढ़ा हुआ है। उसका डर दिखाती है। जान से मारने और झूठे क्रिमिनल केस में फंसाने की धमकी भी दे रही है। आरोप लगाया है कि महिला ने क्लाइव रोड स्थित घर से 23 मई को उन्हें बाहर निकाल दिया। उसके बाद से वह धूमनगंज के सैनिक कॉलोनी में रह रहे हैं। सिविल लाइंस प्रभारी रामाश्रय यादव ने इस संबंध में कहा कि पति-पत्नी के बीच विवाद की बात सामने आई है। तहरीर के आधार पर एफआईआर दर्ज कर जांच की जा रही है।