स्कूलों में बैग पालिसी लागू विधानसभा को बताया जानकारी जुटा रहे
भोपाल
प्रदेश के स्कूलों में बच्चों के बैग का वजन तय करने का आदेश जारी करने के बावजूद स्कूल शिक्षा विभाग ने कहा है कि इस बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। विधायक कृष्णा गौर ने विधानसभा के जरिये स्कूल शिक्षा मंत्री से पूछा कि क्या प्रदेश में स्कूली छात्रों के लिए बैग पालिसी 2020 से लागू है। ऐसा है तो 8वीं क्लास तक के लिए कितने वजन तक का स्कूली बैग मंजूर है? इसको लेकर भोपाल के स्कूलों में एक सितम्बर 2021 से कब और किस अफसर द्वारा कितने निरीक्षण किए गए? इसके लिखित जवाब में स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा है कि जानकारी एकत्र की जा रही है। गौरतलब है कि पिछले माह स्कूल शिक्षा विभाग बस्तों के वजन को लेकर आदेश जारी कर चुका है। इसके बाद भी मंत्री ने जानकारी जुटाने की बात विधानसभा सवाल के जवाब में कही है।
स्पोर्ट्स कोटे से हो गई फर्जी नियुक्ति
प्रदेश की खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने विधानसभा में जानकारी दी है कि प्रदेश के खेल विभाग में फर्जी, संदिग्ध प्रमाणपत्रो से नौकरी हासिल करने के मामले सामने आए है। इस पर एसटीएफ पुलिस मुख्यालय द्वारा जांच की जा रही है। एसटीएफ ने इस मामले में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना शुरू कर दी है।
खेल मंत्री ने विधायक विनय सक्सेना के लिखित सवाल के जवाब में यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि मध्यण्प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित खेल एवं युवा कल्याण सेवा परीक्षा 2017 में खेल विभाग में 23 जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारियों को नौकरी प्रदान की गई। उन्होंने बताया कि जिन लोगों को नौकरी दी गई उनमें शिप्रा श्रीवास्तव, कृष्णकांत खरे, मोहम्मद अहमद खान, प्रदीप सिंह रावत, उमा पटेल, विजेन्द्र देवड़ा, आशीष पांडे, पवि दुबे, रुचि शर्मा, अरविंद राणा, प्रदीप आस्टिया, कृष्णकुमार चौरसिया, रविन्द्र हार्डिया, शक्ति राउत, मनु धुर्वे, रविन्द्र ठाकुर, पूजा कुरील, संतरा निनामा, भावना यादव, बृजराज सिंह, शैलेन्द्र सिंह, संचिता और पूर्णिमा जोशी को नौकरी दी गई। इनमें से पांच लोगों ने त्यागपत्र दे दिया है। मंत्री ने बताया कि फर्जी, जाली प्रमाणपत्र और संदिग्ध प्रमाणपत्र लगाकर नौकरी हासिल करने की शिकायत पर एसटीएफ पुलिस मुख्यालय जांच कर रहा है। भारतीय दंड संहिता के तहत इस मामले में प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया गया है।