September 23, 2024

सर्वांगीण विकास का परिदृश्य दर्शाता है मध्यप्रदेश का बजट 2024-25: प्रहलाद सिंह पटेल

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भोपाल
“उस सबसे गरीब और सबसे कमजोर आदमी [महिला] का चेहरा याद करें जिसे आपने देखा हो, और खुद से पूछें, कि क्या आप जो कदम उठाने पर विचार कर रहे हैं, वह उसके किसी काम का होगा। क्या उसे इससे कुछ हासिल होगा?”भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा दिया गया यह टैलिस्मन विकास के सम्पूर्ण अभिप्राय के बारे में बताता है। मध्यप्रदेश का बजट 2024-25 इसी दृष्टिकोण के मूल आधार पर निर्मित किया गया है। बजट में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ और ग्रामीणों के जीवन को उन्नत बनाने के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के लिए 27,870 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

ग्रामीण क्षेत्र है विकास का उपरिकेंद्र
पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने जन कल्याणकारी बजट के लिए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि यह अब तक की सबसे बड़ी धनराशि का बजट है। ग्रामीण विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है, यह बताता है कि राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों को विकास का उपरिकेंद्र मानती है। प्रदेश के ग्रामों का समग्र विकास हमारी सरकार की प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल की शपथ लेने के तत्काल बाद ही प्रधानमंत्री आवास योजना के अगले चरण की घोषणा की। केंद्र सरकार की इस घोषणा का प्रदेश के नागरिकों को अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो इसके लिए बजट में 4 हज़ार करोड़ का प्रावधान आवास योजना के लिये प्रस्तावित किया गया। ग्रामीण क्षेत्रों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में यह बजट एक सकारात्मक क़दम है।

ग्राम पंचायतों में किया जाएगा तरल एवं ठोस अपशिष्ट का उच्च प्रबंधन
उल्लेखनीय है कि बजट में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत 1800 करोड़ रुपये का प्रावधान प्रस्तावित किया गया है। इसके साथ ही सड़कों के नवीनीकरण एवं उन्नयन के लिए भी 900 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान है। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन योजना अंतर्गत 800 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान प्रस्तावित किया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 33 प्रतिशत अधिक है। मनरेगा योजना में 20 करोड़ मानव दिवस के सृजन का लक्ष्य रखा गया है। योजना अंतर्गत बजट में 3 हजार 500 करोड़ रुपये का प्रावधान प्रस्तावित है।

ग्रामीण क्षेत्रों में जल ग्रहण संरचनाओं का निर्माण कर कृषि के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के लिए 1 हज़ार जल ग्रहण संरचनाओं के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। स्वच्छ भारत मिशन 2.0 अंतर्गत सभी ग्रामों में ओडीएफ के स्थायित्व को बनाए रखते हुए ग्रामों में तरल एवं ठोस अपशिष्ट के उच्च प्रबंधन से ग्रामों को ओडीएफ प्लस के मानकों के अनुरूप बनाया जाएगा। इसके लिए बजट में 500 करोड़ रुपये का प्रावधान प्रस्तावित किया गया है। पंचायत सचिवों को सातवें वेतनमान का लाभ प्रदान किया गया है, ग्राम रोज़गार सहायकों के मानदेय को प्रति माह 9 हज़ार रुपये से बढ़ाकर 18 हज़ार रुपये किया गया है।

 

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