September 30, 2024

गोवा में कांग्रेस बार-बार उठा रही नुकसान

0

नई दिल्ली
 
कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा अपने 8वें दिन में प्रवेश कर ही रही थी कि गोवा में पार्टी टूटने की खबरें सामने आने लगी। बुधवार दोपहर तक स्थिति साफ हो गई और कांग्रेस के 11 में से 8 विधायकों ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया। ऐसे समय में जब पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी कन्याकुमारी से लेकर श्रीनगर तक भारत जोड़ने के लिए यात्रा कर रहे हैं, तब देश के सबसे छोटे राज्य में विधायकों का टूटना कांग्रेस के लिए आगामी चुनावों में मुश्किलें खड़ी कर सकता है।

राज्य और केंद्रीय नेतृत्व में दूरी
कांग्रेस में केंद्रीय नेतृत्व और राज्यों की दूरी का एक उदाहरण गोवा भी है। इसका एक नमूना 2017 में देखा जा चुका है। उस दौरान कांग्रेस सरकार बनाने के लिए तैयार थी, लेकिन कुछ और विधायकों की जरूरत थी। पार्टी के तत्कालीन प्रदेश प्रभारी दिग्विजय सिंह तब निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल करने के लिए राहुल गांधी की तरफ से कल का इंतजार करते रहे। खबरें हैं कि वह कॉल हुआ नहीं और नतीजा यह हुआ कि भाजपा ने सरकार बना ली।

इस बार भी दिखी दूरी
मौजूदा सियासी घटनाक्रम भी देखें, तो नजर आता है कि पार्टी संगठन स्तर पर कमजोर पड़ती जा रही है। इस साल 4 फरवरी को यानी गोवा चुनाव से कुछ दिन पहले ही राहुल की मौजूदगी में कांग्रेस नेताओं ने दल बदल नहीं करने की कसम खाई थी। हालांकि, बुधवार को हुए सियासी बदलाव ने उसे खोखला साबित कर दिया। खास बात है कि 2017 में भी कांग्रेस के 15 विधायकों ने पार्टी छोड़ दी थी।

गांधी परिवार के नियंत्रण पर सवाल
कांग्रेस का अगला प्रमुख कौन होगा? इस सवाल का जवाब अक्टूबर में ही मिल सकेगा, लेकिन राहुल पद से दूर रहने के संकेत दे रहे हैं। कहा जा रहा है कि कई लोगों को यह बात नहीं पच रही कि गैर-गांधी अध्यक्ष पर गांधी परिवार का नियंत्रण नहीं होगा। ऐसे में पार्टी के सदस्यों को साथ रखने में असफल होना और फूट की जानकारी हासिल नहीं कर पाने की जिम्मेदारी भी गांधी परिवार की ही नजर आती है। खास बात है कि हिमंत बिस्वा सरमा से लेकर जितिन प्रसाद तक, पार्टी छोड़ने वाले कई नेता बता चुके हैं कि कोई उनकी बात नहीं सुनता। इसके अलावा आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस की बढ़ती सक्रियता भी पार्टी के लिए नई चुनौती पेश कर रही है। हालात ऐसे हैं कि पहले जिन राज्यों में पार्टी सरकार चला चुकी है। वहां उसे वापसी करने में भी मुश्किल हो रही है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *