केंद्र से मिले पैसे आहरित कर सकेंगे विभाग, खर्च की लिमिट हटाई
भोपाल
केंद्र प्रवर्तित योजनाओं में राज्य सरकार को मिली राशि का उपयोग करने के लिए केंद्र की नरेद्र मोदी सरकार ने प्रदेश के विभिन्न सरकारी महकमो को एक हफ्ते का समय दिया है। यह समय अवधि 31 मार्च 2022 को समाप्त हुए वित्त वर्ष के पहले केंद्र की ओर से दी गई राशि का उपयोग नहीं कर पाने के मामले में प्रदान की गई है। प्रदेश में अफसरशाही की लापरवाही के चलते हजारों करोड़ रुपए केंद्र से मिलने के बाद भी राज्य के विभागों ने उसे आहरित नहीं किया और नए वित्त वर्ष के शुरू होते ही केंद्र सरकार ने गत वित्त वर्ष में दी गई राशि खर्च करने पर रोक लगा दी थी। इतना ही नहीं केंद्र सरकार ने राज्य शासन को आदेश दिया है कि जो केंद्र से मिली जो राशि खर्च नहीं हुई है, उसे एसएनए खाते में जमा कराया जाए जो केंद्र सरकार से भी जुड़ा हो।
वित्त विभाग द्वारा सभी एसीएस, पीएस, सचिव और बजट नियंत्रण अधिकारियों व विभागाध्यक्षों से कहा गया है कि केंद्र प्रवर्तित योजनाओं के मामले में 31 मार्च 2022 तक केंद्र सरकार की ओर से दिए गए फंड की राशि को कोषालय के माध्यम से 20 जुलाई तक आहरित कर एसएनए (सिंगल नोडल एजेंसी) खाते में जमा किया जा सकेगा। इसके लिए केंद्र सरकार की रियायत के बाद राज्य सरकार ने वित्तीय आहरण के लिए छूट दी है।
इस अविध में अगर योजना की राशि आहरित नहीं हो पाती है तो उसे भारत सरकार की संचित निधि में वापस किए जाने की कार्यवाही की जाना है। इसलिए सभी विभागों को अगले एक सप्ताह के भीतर एसएनए खाते में राशि जमा कराने के लिए वित्तीय प्रतिबंधों से राहत दी गई है। इसमें त्रैमासिक व्यय सीमा और आहरण सीमा से विभागों को राहत रहेगी। इस दौरान विभाग 25 करोड़ से अधिक के देयक कोषालय में प्रस्तुत कर सकेंगे जो अभी तक प्रतिबंधित रहा है।
वित्त विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि यह शिथिलता सिर्फ केंद्र प्रवर्तित योजनाओं के मामले में ही लागू रहेगी। इसके साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि वर्ष 2021-22 में केंद्र प्रवर्तित योजनाओँ में केंद्रांश व समानुपातिक राज्यांश में से शेष राशि जो एसएनए खाते में जमा नहीं हो पाई है, इसके लिए यह शिथिलता लागू की गई है। अधिकारी यह भी ध्यान रखेंगे कि यह शिथिलता वित्त वर्ष 2022-23 में प्राप्त केंद्रांश और समानुपातिक राज्यांश के मामले में लागू नहीं होगी।
क्यो खुले हैं एसएनए खाते
केंद्र सरकार ने केंद्र प्रवर्तित योजनाओं के मामले में एसएनए खाते खुलवाए हैं। हालांकि प्रदेश में अभी तक सभी विभागों में इस तरह की व्यवस्था नहीं बन सकी है लेकिन कई विभागों ने एसएनए खाते खोलने में सफलता भी हासिल की है। सूत्रों के अनुसार एसएनए खाते इसलिए खुलवाए गए क्योंकि अफसरों द्वारा केंद्र से मिलने वाली राशि को दूसरे खातों में जमा कराकर उससे ब्याज के रूप में मिलने वाली राशि का अपने स्तर पर उपयोग किया जाता था। अब सभी विभागों को निर्देश हैं कि वे अपने किसी दूसरे खाते में यह राशि जमा नहीं कर सकते।